नई दिल्ली, 4 दिसंबर . केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि दिव्यांगजनों की शिक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए जा रहे हैं. खासतौर पर बधिर छात्रों के लिए साइन लैंग्वेज डिप्लोमा पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए गए हैं.
सरकार के मुताबिक वर्ष 2024-25 में ऐसा डिप्लोमा उपलब्ध कराने वाले संस्थानों की संख्या बढ़कर 50 से अधिक हो चुकी है. सरकार दिव्यांगजनों के जनसांख्यिकीय आंकड़ों के लिए मुख्य रूप से जनगणना के आंकड़ों पर निर्भर करती है. जनगणना 2011 के अनुसार, भारत में कुल 2.68 करोड़ लोग दिव्यांग बताए गए हैं. इनमें से 19 प्रतिशत लोग सुनने में असमर्थ हैं.
बधिर छात्रों के लिए 42 संस्थान डिप्लोमा इन साइन लैंग्वेज इंटरप्रिटेशन (डीआईएसएलआई) उपलब्ध करा रहे हैं. वहीं, 13 संस्थान डिप्लोमा इन टीचिंग इंडियन साइन लैंग्वेज (डीटीआईएसएल) संचालित कर रहे हैं. वर्ष 2024-25 में, डिप्लोमा इन टीचिंग इंडियन साइन लैंग्वेज पाठ्यक्रम संचालित करने वाले संस्थानों की संख्या 7 से बढ़कर 13 हो गई है. डिप्लोमा इन साइन लैंग्वेज इंटरप्रिटेशन पाठ्यक्रम संचालित करने वाले संस्थानों की संख्या 20 से बढ़कर 42 हो गई है.
भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी) ने बधिरता और श्रवण हानि के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. वर्तमान में, इस विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय संस्थानों और समग्र क्षेत्रीय केंद्र में 665 छात्र डीआईएसएलआई और डीटीआईएसएल में प्रशिक्षण ले रहे हैं.
आईएसएलआरटीसी ने कॉरपोरेट, कॉलेज, विश्वविद्यालय आदि स्थानों पर निशुल्क जागरूकता सत्र आयोजित किए हैं. 1,000 से अधिक प्रतिभागियों को बधिरता और आईएसएल के बारे में जागरूक किया गया है.
आईएसएलआरटीसी द्वारा विकसित आईएसएल शब्दकोश को क्षेत्रीय भाषा उपयोगकर्ताओं के लिए सुगम बनाने और इसके दायरे का विस्तार करने के लिए 10 अतिरिक्त क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवादित किया गया है. पहले से शामिल अंग्रेजी और हिंदी के अलावा 10 भाषाओं, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल और तेलुगु, को आईएसएल शब्दकोश में अपडेट किया गया है.
आईएसएलआरटीसी हर साल बधिर स्कूली बच्चों और आईएसएल पाठ्यक्रमों जैसे डीआईएसएलआई, डीटीआईएसएल, डीएड./बीएड./एमएड. विशेष शिक्षा (एचआई) के प्रशिक्षुओं के लिए आईएसएल प्रतियोगिता आयोजित करता है.
इसका उद्देश्य यह है कि स्कूलों को आईएसएल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. सरकार ने देशभर के सभी केंद्रों में डीआईएसएलआई और डीटीआईएसएल पाठ्यक्रमों के प्रवेश और बैचों को बढ़ाया है. बुधवार को यह जानकारी केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री बीएल. वर्मा ने राज्यसभा में दी.
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जीसीबी/एबीएम