नई दिल्ली, 4 दिसंबर . बजट एयरलाइन इंडिगो ने बुधवार को उस रिपोर्ट का खंडन किया, जिसमें इंडिगो को इस साल दुनिया की सबसे खराब एयरलाइनों की रैंकिंग में शामिल किया गया है.
‘एयरहेल्प स्कोर रिपोर्ट 2024’ में घरेलू विमान कंपनी को 109 एयरलाइनों की रैकिंग में 103वें स्थान पर जगह दी गई है. इस इंडेक्स में एयर इंडिया की रैंकिंग 61वीं और एयर एशिया की रैंकिंग 94वीं है.
एयरलाइन की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा एयरलाइन की समयबद्धता और ग्राहक शिकायतों को लेकर मासिक डेटा प्रकाशित किया जाता है. इंडिगो ने समयबद्धता में लगातार उच्च अंक हासिल किए हैं और अपने आकार एवं संचालन के पैमाने के हिसाब से एयरलाइन का ग्राहक शिकायत अनुपात सबसे कम है.
इंडिगो ने आगे कहा कि एयरहेल्प के सर्वे में जारी डेटा में यह नहीं बताया गया, “भारत से उनका सैंपल साइज क्या है और न ही यह वैश्विक विमानन उद्योग द्वारा उपयोग की जाने वाली पद्धति या मुआवजा दिशानिर्देशों को ध्यान में रखता है, जिससे इसकी विश्वसनीयता पर संदेह पैदा होता है.”
डीजीसीए के आंकड़ों के अनुसार, नौ महीने की अवधि (जनवरी-सितंबर) के दौरान, बजट एयरलाइन इंडिगो में 7.25 करोड़ से अधिक यात्रियों ने यात्रा की, इसकी बाजार हिस्सेदारी 61.3 प्रतिशत रही. इसके बाद टाटा समूह द्वारा संचालित एयर इंडिया ने 1.64 करोड़ से अधिक यात्रियों ने उड़ान भरी. एयर लाइन की बाजार हिस्सेदारी 13.9 प्रतिशत थी.
इंडिगो 380 से अधिक विमानों के अपने बेड़े के साथ लगभग 2,100 दैनिक उड़ानें संचालित कर रही है और एयरलाइन 85 से अधिक घरेलू गंतव्यों और 30 से अधिक अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों को जोड़ती है.
एयरहेल्प रिपोर्ट में ब्रुसेल्स एयरलाइंस, कतर एयरवेज और यूनाइटेड एयरलाइंस शीर्ष तीन स्थानों पर हैं.
यात्री मुआवजे के दावों में विशेषज्ञता वाली कंपनी एयरहेल्प की वार्षिक रिपोर्ट में जनवरी से अक्टूबर तक का डेटा शामिल किया गया है. इसमें एयरलाइनों को रैंक करने के लिए वैश्विक ग्राहक दावों, समय पर प्रदर्शन और 54 देशों के यात्रियों से फीडबैक जैसे कारकों का उपयोग किया है, जिसमें भोजन की गुणवत्ता, बैठने की सुविधा और चालक दल सेवा जैसे पहलुओं का भी आकलन किया गया है.
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एबीएस/एबीएम