नई दिल्ली, 2 दिसंबर . भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद दिनेश शर्मा ने सोमवार को से खास बातचीत में कई अहम मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी. इस दौरान उन्होंने किसानों के आंदोलन, महबूबा मुफ्ती द्वारा बांग्लादेश और भारत की तुलना, और संभल मामले में समाजवादी पार्टी के नेता इकबाल महमूद के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी.
दिनेश शर्मा ने किसानों के आंदोलन पर कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं. हमारी पार्टी का जो बजट है, वह पूरी तरह से किसान और कृषि आधारित है. यह देश कृषि-ऋषि की परंपरा का देश है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा किसानों की समस्या को प्राथमिकता दी है और कृषि मंत्री भी किसानों के सभी मुद्दों पर बात करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. उत्तर प्रदेश में हमारे किसान भाइयों ने भी भाजपा को जिताया है और यह साबित करता है कि किसान भाजपा के साथ है. अगर किसानों की कोई समस्या आती है, तो हम उस पर कार्य करने के लिए तैयार हैं.
महबूबा मुफ्ती द्वारा बांग्लादेश और भारत की तुलना करने पर दिनेश शर्मा ने कहा कि महबूबा मुफ्ती को भारत और बांग्लादेश में कोई अंतर नहीं दिखाई दे रहा है. शायद उन्हें बांग्लादेश की वास्तविक स्थिति का पता नहीं है. वहां अल्पसंख्यक समुदाय के साथ जो अत्याचार हो रहे हैं, वे क्यों नहीं दिखते? बांग्लादेश में शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वालों को जेल में डाल दिया जाता है. लेकिन यहां कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को यह मुद्दा दिखाई नहीं देता. इन विपक्षी नेताओं को बांग्लादेश की अल्पसंख्यकों की स्थिति के बारे में क्यों नहीं बोलना चाहिए?”
उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता हमेशा हिंदू समुदाय के खिलाफ बयानबाजी करते हैं, लेकिन बांग्लादेश और अन्य जगहों पर जहां हिंदू समुदाय की हत्या हो रही है, उन्हें यह सब कुछ नजर नहीं आता. उन्होंने कहा, “इन लोगों को सिर्फ सांप्रदायिकता की राजनीति करने का शौक है. जनता ने इन्हें काम करने के लिए चुना है, न कि धर्म के नाम पर बंटवारे के लिए.
इस दौरान उन्होंने सपा नेता इकबाल महमूद द्वारा संभल मामले में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि यह बयान सिर्फ देश की एकता और अखंडता को तोड़ने की कोशिश है. इस तरह के बयान केवल मुस्लिम समुदाय के तुष्टिकरण के लिए दिए जाते हैं. कोई भी धर्म चाहे वह हिंदू हों या मुस्लिम, उनके अधिकारों का पूरी तरह से संरक्षण सरकार द्वारा किया जाता है. मस्जिदों या मंदिरों के बारे में कोई खतरा नहीं है. अफवाह फैलाने वाले लोगों को जनता ने पहचान लिया है.
उन्होंने कहा कि हमारे लिए हर धर्म का सम्मान है और हम सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा का संकल्प लेते हैं. किसी भी मस्जिद या मंदिर को कोई खतरा नहीं है, और बेवजह के बयान देकर जनता को भ्रमित करने का कोई फायदा नहीं होगा. जो लोग सिर्फ बयानबाजी और उन्माद पैदा करने में लगे हैं, उन्हें जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है. इन लोगों को अपना काम करने की जरूरत है, और जनता ने उन्हें काम करने के लिए चुना है, न कि सांप्रदायिक राजनीति करने के लिए.
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पीएसके/एकेजे