नई दिल्ली, 2 दिसंबर . केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) प्रोग्राम से किसानों को पिछले तीन वर्षों में 57,552 करोड़ रुपये कमाने में मदद मिली है. इससे पिछले तीन वर्षों में 75,000 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है.
ईबीपी कार्यक्रम के तहत, पब्लिक सेक्टर की तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) पेट्रोल के साथ मिश्रित इथेनॉल बेचती हैं.
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री, सुरेश गोपी ने राज्यसभा को बताया कि पिछले तीन वर्षों में (30 सितंबर, 2024 तक) ईबीपी कार्यक्रम के चलते लगभग 110 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल का विस्थापन हुआ है और सीओ2 में लगभग 332 लाख मीट्रिक टन की कमी आई है.
ईबीपी प्रोग्राम के तहत पेट्रोल के साथ इथेनॉल का मिश्रण, इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2018-19 में 188.6 करोड़ लीटर से बढ़कर ईएसवाई 2023-24 में 700 करोड़ लीटर से अधिक हो गया. इसके साथ ही इथेनॉल मिश्रण ईएसवाई 2023-24 में बढ़कर लगभग 14.6 प्रतिशत हो गया है, जो कि पहले ईएसवाई 2018-19 में 5 प्रतिशत था.
2019 के बाद से इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल बेचने वाली रिटेल आउटलेट्स की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है. 2019 में इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल पब्लिक सेक्टर ओएमसी के 43,168 रिटल आउटलेट्स से बेचा गया था. वहीं, 2024 में देश भर के सभी रिटेल आउटलेट्स पर बेचा जा रहा है.
सरकार की ओर से देश में कच्चे तेल का आयात कम करने के लिए पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रिण को बढ़ावा दिया जा रहा है. इससे बहुमूल्य विदेशी मुद्रा बचाने में भी मदद मिल रही है.
देश में इथेनॉल मिश्रण 2024 में लगभग 15 प्रतिशत तक बढ़ गया है, जो 2014 में 1.53 प्रतिशत था.
सरकार ने 2025 तक इथेनॉल मिश्रण 20 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा है. यह निर्धारित शेड्यूल से 5 वर्ष पहले है.
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एबीएस/एबीएम