आईसीसी बैठक में भी चैंपियंस ट्रॉफ़ी के आयोजन को लेकर नहीं बनी बात

दुबई,1 दिसंबर . शुक्रवार को हुई ऑनलाइन आईसीसी बैठक के बावजूद चैंपियंस ट्रॉफ़ी के आयोजन पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका. इस बीच, पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नक़वी दुबई में मौजूद थे और पाकिस्तान की अंडर-19 टीम की भारत पर जीत पर चर्चा कर रहे थे. सभी की निगाहें इस पर टिकी थीं कि पीसीबी, बीसीसीआई और आईसीसी अगले साल के टूर्नामेंट पर कोई सहमति बना पाएंगे या नहीं.

जैसा कि उन्होंने गुरुवार सुबह कहा था, नक़वी ने टूर्नामेंट की मेज़बानी के लिए हाइब्रिड मॉडल को स्पष्ट रूप से खारिज नहीं किया. उन्होंने अपने पहले के बयान को ही दोहराया. दुबई में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “हम वही करेंगे जो क्रिकेट के लिए सबसे अच्छा होगा. यदि हम कोई दूसरा फ़ॉर्मूला अपनाते हैं (पाकिस्तान में टूर्नामेंट की मेज़बानी छोड़कर), तो यह समानता के आधार पर होगा. पाकिस्तान के लिए सबसे अहम उसका सम्मान है, बाक़ी सभी चीज़ें इसके बाद आती हैं.”

इस तरह की व्यवस्था कैसी दिखेगी, यह अब भी अनिश्चित है. “समानता” पर नक़वी की लगातार की गई टिप्पणियों से अटकलें तेज़ हो गई हैं कि पीसीबी हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार करने के बदले में कुछ रियायतें हासिल करना चाहेगा. इसमें एक संभावना यह हो सकती है कि भारत को अपने मैच पाकिस्तान से बाहर खेलने पर सहमति जतानी पड़े, जबकि एक अन्य समझौता यह हो सकता है कि भविष्य में भारत में आयोजित किसी भी टूर्नामेंट के दौरान पाकिस्तान अपने मैच भारत के बाहर खेले. इसके अलावा, पीसीबी के लिए वित्तीय मुआवज़े की संभावना भी चर्चा में है. हालांकि, नक़वी ने सप्ताह की शुरुआत में यह स्पष्ट किया था कि निर्णय आर्थिक लाभ के आधार पर नहीं लिए जाएंगे.

ईएसपीएन क्रिकइंफो को जानकारी मिली है कि अगले कुछ दिनों में इस मामले पर निर्णय लिया जा सकता है, हालांकि नक़वी की टिप्पणियों से यह स्पष्ट होता है कि अब भी कई अहम मुद्दे हैं जिन्हें हल किया जाना बाकी है. ऐसा माना जा रहा है कि किसी भी प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए आईसीसी को सौंपने से पहले भारत और पाकिस्तान दोनों की सरकारों की सहमति लेनी होगी. भारत सरकार ने अपनी टीम को पाकिस्तान भेजने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, और पीसीबी ने कई बार यह कहा है कि उनकी ओर से उठाए गए किसी भी कदम को उनकी सरकार की स्वीकृति ज़रूरी होगी.

आरआर/