शुभमन गिल बल्लेबाजी करते हुए काफी सहज दिखे : अभिषेक नायर

कैनबरा, 29 नवंबर . बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के आगाज से पहले शुभमन गिल का चोटिल होना भारतीय टीम के लिए बड़ा झटका था. लेकिन सीरीज के दूसरे टेस्ट से पहले इस युवा बल्लेबाजी की वापसी के संकेत से भारतीय खेमे में खुशी का माहौल है.

टीम के सहायक कोच अभिषेक नायर ने कहा कि शुभमन गिल शनिवार से मनुका ओवल में प्राइममिनिस्टर्स इलेवन के खिलाफ शुरू हो रहे दो दिवसीय अभ्यास मैच से पहले बल्लेबाजी करते हुए काफी सहज दिखे. यह मैच गुलाबी गेंद से खेला जाएगा.

गिल वाका ग्राउंड पर मैच से पहले अभ्यास सत्र में बाएं अंगूठे में लगी चोट के कारण पर्थ में खेले गए पहले मैच से बाहर हो गए थे. भारत ने यह मैच 295 रन से जीता था.

नायर ने भारत के अभ्यास सत्र के दौरान संवाददाताओं से कहा, “वह अभी बल्लेबाजी कर रहे हैं और काफी सहज नजर आ रहे हैं. हमारे फिजियो उनकी चोट का पूरी तरह से मूल्यांकन करेंगे और उसके बाद मुझे उनकी स्थिति का पता चलेगा. लेकिन मैंने जो देखा है, उससे लगता है कि वह बल्लेबाजी करते हुए सहज हैं. ऐसा लग रहा है कि वह मैच में बल्लेबाजी कर सकते हैं.”

गिल और रोहित शर्मा की वापसी से चयन के लिए भारत को किन परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, इस सवाल पर नायर ने कहा, “यह थोड़ी परेशानी का सबब जरूर है लेकिन यह हमारी परेशानी नहीं है क्योंकि मुख्य खिलाड़ियों की वापसी से टीम और अधिक मजबूत होगी. ऐसी स्थिति में होना हमेशा अच्छा होता है, जहां आपके दो शीर्ष खिलाड़ी वापस आएं. इससे बहुत आत्मविश्वास बढ़ता है. उनका (रोहित और गिल का) वापस आना अच्छा है. टीम जोश से भरी हुई है.”

उन्होंने यह भी कहा कि रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा यह समझते हैं कि पर्थ में उन्हें प्लेइंग-11 में क्यों नहीं चुना गया.

सहायक कोच ने कहा, “जब आपके पास जडेजा और अश्विन जैसे सीनियर होते हैं, जो समझते हैं कि टीम क्या करने की कोशिश कर रही है, तो टीम-फर्स्ट की नीति के कारण यह बहुत आसान हो जाता है. इस टीम की संस्कृति यह है कि हर कोई चाहता है कि ‘टीम इंडिया’ जीते.”

गुलाबी गेंद से टेस्ट क्रिकेट खेलने के बारे में नायर ने बताया कि भारतीय टीम इसके लिए कैसे तैयारी कर रही है. भारत ने आखिरी बार मार्च 2022 में गुलाबी गेंद से खेला था.

उन्होंने कहा, “बारिश हो रही थी, लेकिन अच्छी बात यह है कि हर कोई खेलने के लिए उत्सुक था. बारिश में भी सभी ने बल्लेबाजी की. चाहे वह गुलाबी गेंद हो या लाल गेंद, सारा अंतर वास्तव में दिमाग में होता है क्योंकि हमें हर हाल में अपना सिर्फ बेस्ट देना होगा.”

एएमजे/एकेजे