बेंगलुरु, 29 नवंबर . ‘नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड’ के महासचिव गौतम अग्रवाल ने शुक्रवार को से बात की. उन्होंने कर्नाटक में दिव्यांगों के कल्याण के लिए बजट आवंटन में कटौती और इस संबंध में राज्य के वित्त मंत्रालय को लिखे पत्र के बारे में जानकारी दी.
गौतम अग्रवाल ने कहा, “पत्र में हमने इस बात की जिक्र किया है कि दिव्यांगों के इस्तेमाल में काम आने वाले उपकरणों को लेकर पिछले साल का बजट 54 करोड़ रुपये का था. इसे घटाकर 10 करोड़ रुपये का कर दिया गया है, जो सही नहीं है. इस पर पुनर्विचार किया जाए. जो आवेदन आए हैं, उसके अनुसार बजट को 54 करोड़ से भी अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है. लेकिन अगर किसी कारण से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता, तो पिछले साल के बराबर आवंटन होना चाहिए.”
कर्नाटक की वर्तमान कांग्रेस सरकार का कहना है कि जितने आवेदन आते हैं, उसके हिसाब से पैसे खर्च किए जाते हैं. कई योजनाएं हैं, जिन पर काफी पैसे खर्च हो रहे हैं.
गौतम अग्रवाल ने कहा कि दिव्यांगों से जुड़ी हुई बहुत सारी योजनाएं हैं जिनके लिए पिछले 10 साल से राशि बढ़ाई नहीं गई है. उनके आवंटन बढ़ाने के लिए हम लगातार सरकार से मांग करते रहे हैं क्योंकि दूसरे राज्य की तुलना में यहां पर कम पैसे दिए जा रहे हैं. छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति भी दूसरे राज्यों की तुलना में बहुत कम है. हमने सरकार को ये आंकड़े उपलब्ध कराए हैं कि इस योजना का आवंटन बढ़ना चाहिए. लेकिन कई साल से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. देश के इतिहास में पहली बार किसी सामाजिक सुरक्षा योजाना के आवंटन में कठौती की गई है.
उन्होंने कहा कि प्राथमिकता की दृष्टि से देखा जाए तो हमारे सेक्टर की योजनाएं बेहद अहम हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि दिव्यांगों की आबादी कम है और वे उतना राजनीतिक प्रभाव नहीं डालते हैं, इसलिए उनके बजट को कम किया जा रहा है.
गौतम अग्रवाल ने कहा कि पिछले साल चार हजार दिव्यांगों को दोपहिया वाहन दिए गए थे, लेकिन इस बार के बजट के हिसाब से सिर्फ 350 को यह मिल पाएगा, जबकि इसके लिए नौ हजार से ज्यादा आवेदन आए हैं.
मेरा सरकार से अनुरोध है कि हमारे बजट में जो कटौती की गई है, उसको पिछले साल के स्तर पर लाना चाहिए. बेहतर यह होगा कि जितने आवेदन आए हैं, उस स्तर तक बजट को बढ़ाना चाहिए. इस मांग को लेकर हम 2 दिसंबर से प्रदर्शन भी करेंगे.
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एससीएच/एकेजे