संभल में सुनियोजित तरीके से दंगा करवाया गया : आनंद भदौरिया

नई दिल्ली, 29 नवंबर . उत्तर प्रदेश में संभल हिंसा पर सपा सांसद आनंद भदौरिया ने कहा कि जब कुंदरकी में भाजपा बुरी तरह चुनाव हार रही थी, तब पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सादे कपड़ों में मतदान केंद्रों पर पीठासीन अधिकारी बनकर वोट डलवा रहे थे.

उन्होंने कहा कि इनकी सच्चाई जनता के सामने न आए, इसके लिए संभल में सुनियोजित तरीके से दंगा करवाया गया, जिसमें चार निर्दोष युवकों की मौत हो गई. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का शुरू से ही मानना ​​रहा है और सदन में भी यही है कि पूरे घटनाक्रम की जांच सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में हमारे सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से मिलकर इस पर प्रस्ताव भी दिया. हम चाहते हैं कि सदन में इस मुद्दे पर चर्चा हो.

समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने संभल मामले पर कहा कि एसआईटी का गठन एक अच्छा कदम है, लेकिन जब तक उपद्रव के लिए जिम्मेदार अधिकारी अपनी जगह पर बने रहेंगे, तब तक कोई भी खुलकर अपना बयान नहीं दे पाएगा. एसआईटी के गठन का असली उद्देश्य तभी पूरा होगा जब इन अधिकारियों को वहां से हटाया जाएगा.

ईवीएम पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में सपा सांसद आनंद भदौरिया ने कहा है कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि हम ईवीएम को हटाने के पक्ष में हैं और बैलेट पेपर की मांग करते हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि हम ईवीएम से चुनाव जीतेंगे और ईवीएम को हटाने का काम करेंगे.

बता दें कि ईवीएम को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि वह ईवीएम को हटाने के लिए देश भर मुहिम चलाएंगे. खड़गे ने बैलेट पेपर की मांग की है.

दूसरी तरफ महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस महाराष्ट्र में हस्ताक्षर अभियान शुरू करने जा रही है. महाराष्ट्र कांग्रेस का मानना है कि ईवीएम में गड़बड़ हो सकती है. दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी में शामिल अन्य दलों के नेताओं का मानना है कि अगर ईवीएम को लेकर शंका है तो इसे दूर करना चाहिए. भारतीय चुनाव आयोग को ईवीएम के बारे में बताना चाहिए.

वहीं, ईवीएम पर सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा है कि जब हारते हैं तो ईवीएम पर ही दोष लगाते हैं.

डीकेएम/एएस