मुंबई, 28 नवंबर . गोवा में आयोजित 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में निर्देशक जयन चेरियन की फिल्म ‘रिदम ऑफ दम्मम’ का प्रीमियर हुआ.
‘रिदम ऑफ दम्मम’ फिल्म हाशिए पर पड़े सिद्दी समुदाय के संघर्ष को पर्दे पर उतारती है. यह फिल्म समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उनके सामने आने वाली चुनौतियों की पड़ताल करती है, जो एक ऐसी कहानी पर प्रकाश डालती है जिसे मुख्यधारा के सिनेमा में कम दिखाया गया है.
‘रिदम ऑफ दम्मम’ में वास्तव में सिद्दी समुदाय से संबद्ध लोगों ने अभिनय किया है. चिन्मय सिद्दी जयराम की मुख्य भूमिका में हैं. इस फिल्म में कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता प्रशांत सिद्दी भी हैं, जिन्होंने कई लोकप्रिय फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के लिए एक खास पहचान हासिल की है. अभिनेता दिवंगत पुनीत राजकुमार के साथ भी कई फिल्में कर चुके हैं.
कर्नाटक के येल्लापुर के सिद्दी समुदाय पर आधारित यह फिल्म 12 वर्षीय जयराम की कहानी बताती है, जो अपने दिवंगत दादा की आत्मा की जकड़ में आ जाता है और वास्तविकता पर अपनी पकड़ बनाने के लिए संघर्ष करता है. यह फिल्म पुर्तगाली व्यापारियों के अधीन गुलामी के उनके इतिहास से उपजी सिद्दी समुदाय द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी अनुभव किए गए ट्रामा पर भी प्रकाश डालती है.
आईएफएफआई में ‘रिदम ऑफ दम्मम’ को मिली सकारात्मक समीक्षाओं के बारे में जयन चेरियन ने बात की. उन्होंने कहा, “यह फिल्म मेरे लिए बेहद निजी है. सिद्दी समुदाय के साथ पांच साल बिताने के बाद, मैं उनकी मजबूती और सांस्कृतिक पहचान की अनकही कहानियों को साझा करने के लिए तैयार हुआ. मुझे काफी सम्मानित महसूस हो रहा है कि सिद्दी समुदाय की ताकत और आत्मा की कहानी आईएफएफआई में दर्शकों के साथ इतनी गहराई से गूंज रही है.”
सिद्दी लोग, दक्षिण-पूर्व अफ्रीका के बंटू लोगों के वंशज हैं, जिन्होंने भारत की जाति व्यवस्था के भीतर सदियों तक गुलामी और प्रणालीगत हाशिए पर के जीवन को सहन किया है. यह फिल्म उनके दृढ़ सफर पर शानदार तरीके से प्रकाश डालती है.
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एमटी/एकेजे