जीसीसी भारत के प्रमुख सेक्टर में एंट्री लेवल वर्कफोर्स की सैलरी बढ़ाएगा : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 28 नवंबर . ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) से भारत में फ्रेश टैलेंट की मांग बढ़ने की उम्मीद की जा रही है. गुरुवार को आई एक रिपोर्ट भारत में बढ़ते वर्कफोर्स के लिए वित्तीय वर्ष की झलक पेश करती है. रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में आईटी प्रोडक्ट, सर्विस और नॉन टेक सेक्टर में प्रमुख क्षेत्रों में एंट्री लेवल जॉब रोल के लिए वेतन में वृद्धि की उम्मीद है.

टीमलीज डिजिटल की रिपोर्ट से पता चला है कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग स्किल की बढ़ती मांग के साथ सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और इंजीनियरिंग डोमेन में आकर्षक अवसर प्रदान होंगे.

इस डोमेन में एंट्री लेवल पॉजिशन पर वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक जीसीसी में 9.37 लाख रुपये प्रति वर्ष का औसत वेतन देखने की उम्मीद है. इसके बाद आईटी प्रोडक्ट और सर्विस में 6.23 लाख रुपये प्रति वर्ष और नॉन-टेक्निकल सेक्टर में 6 लाख रुपये प्रति वर्ष होगा.

साइबर सिक्योरिटी और नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेशन डोमेन में, जीसीसी के 9.57 लाख रुपये प्रति वर्ष के औसत वेतन के साथ आगे रहने की उम्मीद है, जो आईटी प्रोफेशनल की तुलना में 40.12 प्रतिशत अधिक है.

आईटी प्रोडक्ट और सर्विस 6.83 लाख रुपये प्रति वर्ष और नॉन-टेक्निकल सेक्टर 5.17 लाख रुपये प्रति वर्ष की पेशकश कर सकते हैं.

डेटा प्रबंधन और एनालिटिक्स डोमेन जो कि निर्णय लेने में सहायता के लिए डेटा एकत्र करने, संग्रहीत करने और उसका विश्लेषण करने से जुड़ा है, में वित्त वर्ष 2024-25 में जीसीसी में 8.73 लाख रुपये प्रति वर्ष, आईटी प्रोडक्ट और सर्विस में 7.07 लाख रुपये प्रति वर्ष और नॉन-टेक्निकल सेक्टर में 6.37 लाख रुपये प्रति वर्ष का औसत वेतन देखने का अनुमान है.

टीमलीज डिजिटल की सीईओ नीति शर्मा ने कहा, “भारत के एंट्री-लेवल जॉब मार्केट में गतिशील परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं. जैसा कि वित्त वर्ष 2024-25 के हमारे डेटा से पता चलता है. जबकि, आईटी सर्विस ने फ्रेशर और एंट्री लेवल हायरिंग को लेकर पिछले 2-3 वर्षों से मंदी देखी है, लेकिन जीसीसी और नॉन-टेक्निकल सेक्टर युवा प्रतिभाओं का स्वागत करने और समृद्ध अवसर प्रदान करने के लिए अग्रणी बनकर उभरे हैं.”

उन्होंने आगे कहा कि जीसीसी के इस सेक्टर में अग्रणी होने की उम्मीद है, जो प्रीमियम वेतन प्रदान करते हैं, विशेष रूप से पेनेट्रेशन टेस्टिंग और डेटा साइंस जैसी भूमिकाओं में, औसत पैकेज 11.8 लाख रुपये प्रति वर्ष तक पहुंच रहे हैं. इस उछाल का श्रेय भारत में जीसीसी के तेजी से विस्तार को दिया जा सकता है, जिसमें 1.66 मिलियन से अधिक लोग कार्यरत हैं और वैश्विक मानकों को बनाए रखने की उनकी आवश्यकता है.

इसके अलावा, क्लाउड सॉल्यूशंस और एंटरप्राइज एप्लीकेशन मैनेजमेंट का डोमेन, क्लाउड प्लेटफॉर्म और ईआरपी सिस्टम के जरिए स्केलेबिलिटी और लागत-दक्षता पर ध्यान केंद्रित करता है.

जीसीसी में 7.67 लाख रुपये प्रति वर्ष और आईटी प्रोडक्ट और सर्विस में 6.07 लाख रुपये प्रति वर्ष का एंट्री-लेवल वेतन देने के लिए तैयार हैं.

नॉन-टेक इंडस्ड्री भी क्लाउड सॉल्यूशन रोल के लिए 6.53 लाख रुपये प्रति वर्ष का औसत वेतन देने के लिए तैयार हैं, जो आईटी सेक्टर की तुलना में लगभग 8 प्रतिशत अधिक है. यह बीएफएसआई, हेल्थकेयर और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर में क्लाउड टेक्नोलॉजी को तेजी से अपनाने की वजह से देखा जा रहा है.

एसकेटी/एबीएम