नई दिल्ली, 27 नवंबर . थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री की चार बटालियनों को प्रतिष्ठित राष्ट्रपति ध्वज प्रदान किए हैं. राष्ट्रपति ध्वज भारतीय सेना में एक सैन्य यूनिट को दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मानों में से एक है.
भारतीय सेना के सबसे नवीन और सबसे बहुमुखी लड़ाकू हथियारों के रूप में, मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री में इन्फेंट्री और मैकेनाइज्ड बलों का सर्वश्रेष्ठ मिश्रण है. अपनी वीरता और कौशल के लिए प्रसिद्ध इसकी बटालियन सभी थिएटरों और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में तैनात हैं.
बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्र के प्रति उनकी इस अनुकरणीय और सराहनीय सेवा को यह मान्यता दी गई. राष्ट्रपति ध्वज मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री रेजिमेंट की 26वीं और 27वीं बटालियनों और ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स की 20वीं और 22वीं बटालियनों को प्रदान किए गए हैं.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह सबसे युवा बटालियनों के लिए गौरव का क्षण है. मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री सेंटर एंड स्कूल, अहिल्यानगर में हुए इस भव्य समारोह के दौरान यहां बड़ी संख्या में सैन्य कर्मियों ने भाग लिया.
थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि 1979 में अपनी स्थापना के बाद से, मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री आर्म ने भारतीय सेना के भीतर एक आधुनिक और पेशेवर बल के रूप में अपनी पहचान बनाई है. इसने ऑपरेशन पवन, ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन रक्षक और ऑपरेशन स्नो लेपर्ड जैसे प्रमुख अभियानों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में असाधारण साहस, अनुशासन और परिचालन दक्षता का प्रदर्शन किया है.
कार्यक्रम के दौरान सेना प्रमुख ने कलर प्रेजेंटेशन परेड का निरीक्षण किया. चार मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री बटालियनों के मार्चिंग और घुड़सवार दस्तों ने प्रदर्शन किया. सेना प्रमुख ने युद्ध एवं शांति दोनों समय में मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री के पेशेवर अंदाज की सराहना की.
सेना प्रमुख ने कहा कि तेजी से युद्ध के तौर-तरीके विकसित हो रहे हैं. इसके बीच, मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री भविष्य की इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स, नाग मिसाइल सिस्टम, कैनिस्टर लॉन्च एंटी-आर्मर सिस्टम, मिनी रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट, इंटीग्रेटेड सर्विलांस और टारगेट सिस्टम जैसी उन्नत प्रणालियों के साथ आधुनिकीकरण जारी रख रही है. यह भविष्य के संघर्षों में एक निर्णायक बल के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत कर रही है. आधुनिकीकरण के ये प्रयास आत्मनिर्भरता की नींव पर आगे बढ़ रहे हैं.
समारोह के दौरान, सेना प्रमुख ने पूर्व-सैनिक समुदाय और समाज की भलाई के लिए उनके योगदान को लेकर चार अनुभवी अचीवर्स को सम्मानित भी किया. उन्होंने सभी रैंकों और परिवारों को शुभकामनाएं दी. सेना के सभी रैंकों से भारतीय सेना के मूल मूल्यों और लोकाचार को ध्यान में रखते हुए राष्ट्र की सेवा करते हुए उत्कृष्टता के लिए प्रयास जारी रखने का आह्वान किया.
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जीसीबी/एबीएम