बीजिंग, 27 नवंबर . देश में जनसंख्या के तेजी से बुढ़ापे के चलते चीन गहन जनसांख्यिकीय बदलावों का अनुभव कर रहा है. आधिकारिक आंकडों के अनुसार, देश की 60 वर्ष से अधिक उम्र की आबादी लगभग 30 करोड़ तक पहुंच गई है और औसत जीवन प्रत्याशा 78.6 वर्ष तक पहुंच गई है. हालांकि, बाद के जीवन में कई लोगों की कार्यात्मक क्षमताएं खराब होती हैं.
जनसांख्यिकीय समायोजन ने देश को अपना ध्यान जीवन अवधि बढ़ाने से स्वास्थ्य अवधि में सुधार करने तक बदल दिया है और साथ ही साथ, जीवन की गुणवत्ता पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है. चीनी जनसंख्या वृद्ध शोधकर्ताओं का कहना है कि स्वस्थ बुढ़ापे का मतलब लोगों के ‘स्वस्थ जीवन काल’ को जितना संभव हो उतना बढ़ाना है, यानी सामान्य शारीरिक और मानसिक क्षमताओं वाले व्यक्ति का जीवनकाल.
चीन में स्वस्थ बुढ़ापे की कुंजी यह सुनिश्चित करना है कि वृद्ध वयस्क पुरानी बीमारियों के बावजूद शरीर के सामान्य कामकाज को बनाए रखें. चीनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अनुसार, चीन में लगभग 19 करोड़ बुजुर्ग लोग पुरानी बीमारियों से पीड़ित हैं और उनमें से 75% से अधिक लोग एक से ज्यादा पुरानी बीमारियों से पीड़ित हैं. पुरानी बीमारियां बुजुर्गों में मृत्यु का प्रमुख कारण बन गई हैं.
पुरानी बीमारियों पर अंकुश लगाने के लिए, चीनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बुजुर्गों में मधुमेह, पुरानी श्वसन संबंधी बीमारियों, हृदय और मस्तिष्क संबंधी बीमारियों और अन्य उच्च जोखिम वाली बीमारियों को रोकने के लिए कई दौर की कार्रवाई शुरू की है और साथ ही, उन बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया है, जो अपना ख्याल नहीं रख सकते.
स्वस्थ बुढ़ापे की पहल ने चीन में व्यापक ध्यान आकर्षित किया है. वर्तमान में, चीन वृद्धावस्था चिकित्सा का जोरदार विकास कर रहा है, जो नैदानिक उपचार, रोग की रोकथाम, नर्सिंग और पुनर्वास सेवाओं को एकीकृत करती है और बुजुर्ग रोगियों के लिए वन-स्टॉप निदान और उपचार सेवाएं प्रदान करती है.
बताया गया है कि साल 2025 तक, चीन भर में 60% से अधिक काउंटी और शहर-स्तरीय सामान्य अस्पतालों में विशेष विभाग को स्थापित किया जाएगा. स्वस्थ बुढ़ापा देश में जनसंख्या की बढ़ती उम्र से निपटने के लिए सबसे कम लागत वाला और सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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