फिउग्गी, 27 नवंबर . जी7 (ग्रुप सेवन) देशों के विदेश मंत्रियों ने एक बैठक में इजरायल से अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करने की अपील की. मंत्रियों ने एक बयान में कहा कि वे इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 के पूर्ण कार्यान्वयन का समर्थन करते हैं.
दो दिवसीय बैठक रोम के दक्षिण-पूर्व में फिउग्गी और अनाग्नि में आयोजित की गई. जी7 में कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंगडम और जापान शामिल हैं.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मंत्रियों ने गाजा में मानवीय स्थिति के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की. उन्होंने इजरायल सरकार से संघर्ष से प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों को तक मानवीय सहायता पहुंचाने में आने वाली बाधाओं को कम करने की अपील की. उन्होंने कहा कि ‘इजरायल को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून सहित सभी परिस्थितियों में इंटरनेशनल कानून के तहत अपने दायित्वों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए.’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम लेबनान में स्थानीय समयानुसार बुधवार सुबह 4 बजे (02:00 जीएमटी/सुबह 7:30 बजे भारतीय समय) लागू हो गया.
इससे पहले मंगलवार को यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने कहा कि इजरायल और लेबनान के बीच युद्ध विराम समझौते के बाद लेबनानी सेना एक बार फिर अपने क्षेत्र पर कब्जा कर लेगी. उन्होंने कहा, “अगले 60 दिनों में, इजरायल धीरे-धीरे अपनी बाकी सेना और नागरिकों को वापस बुला लेगा – दोनों पक्षों के नागरिक जल्द ही सुरक्षित रूप से अपने समुदायों में वापस लौट सकेंगे और अपने घरों का पुनर्निर्माण शुरू कर सकेंगे.”
राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा, “इसका उद्देश्य शत्रुता को स्थायी रूप से समाप्त करना है.’
यूएस प्रेसिडेंट ने कहा, “मैं स्पष्ट कर दूं कि अगर हिजबुल्लाह या कोई और इस समझौते को तोड़ता है और इजरायल के लिए सीधा खतरा पैदा करता है, तो इजरायल का अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत आत्मरक्षा का अधिकार बरकरार रहेगा.” उन्होंने कहा, “हिजबुल्लाह और अन्य आतंकवादी संगठनों के बचे हुए लोगों को फिर से इजरायल की सुरक्षा के लिए खतरा बनने की इजाजत नहीं दी जाएगी.”
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