गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए योजना पर काम रही सरकार

नई दिल्ली, 25 नवंबर . केंद्र सरकार ने गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा और वेलफेयर बेनिफिट्स उपलब्ध कराने के उद्देश्य से फ्रेमवर्क बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. यह जानकारी सोमवार को सरकार ने संसद में दी.

संसद द्वारा अधिनियमित सामाजिक सुरक्षा संहिता-2020 में पहली बार गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को परिभाषित किया गया था.

श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री, शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि संहिता में गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा और वेलफेयर बेनिफिट्स संबंधी प्रावधानों का उल्लेख किया गया है.

उन्होंने कहा कि संहिता में गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए जीवन और दिव्यांगता कवर, दुर्घटना बीमा, स्वास्थ्य और मातृत्व लाभ, वृद्धावस्था सुरक्षा आदि से संबंधित मामलों पर उपयुक्त सामाजिक सुरक्षा उपाय तैयार करने का प्रावधान है. संहिता में वेलफेयर स्कीम को फाइनेंस करने के लिए एक सामाजिक सुरक्षा कोष की स्थापना का भी प्रावधान है.

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा एग्रीगेटर्स को जारी की गई एक एडवाइजरी में कहा गया कि स्वयं और उनके साथ जुड़े वर्कर्स को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करें.

मंत्रालय द्वारा ई-श्रम पोर्टल को 26 अगस्त, 2021 को लॉन्च किया गया था. इसका उद्देश्य अनौपचारिक कर्मचारियों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करना था.

कोई भी अनौपचारिक क्षेत्र का कर्मचारी आधार के जरिए ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करा सकता है.

करंदलाजे ने लोकसभा में एक अलग प्रश्न के उत्तर में कहा, इस साल अक्टूबर में ई-श्रम पोर्टल पर प्रति दिन लगभग 60,000 पंजीकरण हुए और 9 अक्टूबर को एक दिन में पंजीकरणों की संख्या 97,839 तक पहुंच गई थी.

सेल्फ-डिक्लेरेशन आधार पर 19 नवंबर तक 30.4 करोड़ अनौपचारिक क्षेत्र के कर्मचारी ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत थे.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ई-श्रम पोर्टल के साथ सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाओं का एकीकरण एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है.

एबीएस/एबीएम