नई दिल्ली, 25 नवंबर . भारत की अर्थव्यवस्था में बीते एक दशक में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है. भारत में आजादी के बाद निवेश हुए 14 ट्रिलियन डॉलर में से 8 ट्रिलियन डॉलर बीते 10 वर्षों में आए हैं. यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई.
फाइनेंसियल सर्विसेज फर्म मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में कहा गया कि आने वाले वर्षों में यह बढ़त जारी रहेगी. अनुमान के मुताबिक, भारत अगले अगले पांच वर्षों में अतिरिक्त 8 ट्रिलियन डॉलर का निवेश करेगा.
रिपोर्ट में कहा गया कि निवेश-टू-जीडीपी रेश्यो, जो कि 2011 के बाद से न्यूनतम स्तर पर था. सरकार की ओर से बड़े टिकट साइज के प्रोजेक्ट्स पर खर्च करने के कारण कोरोना के बाद से इसमें सुधार हुआ है.
भारत के वार्षिक निवेश का बढ़ता आकार निरंतर आर्थिक विकास को दर्शाता है.
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि भारत का शेयर बाजार आर्थिक ताकत का एक और आधार रहा है, जिसने समय-समय पर गिरावट के बावजूद पिछले 33 वर्षों में से 26 में सकारात्मक रिटर्न दिया है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि हर साल 10 से 20 प्रतिशत की अस्थायी गिरावट देखने को मिलती है, लेकिन ऐसे में निवेशकों को बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए और लंबी अवधि के नजरिए से बाजार में निवेशित रहना चाहिए.
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि भारत एक ऐसा बाजार बन गया है, जिसे आप नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. आर्थिक विकास के लिए सरकार द्वारा सुधारों पर जोर दिया जा रहा है. वहीं, टेक इंडस्ट्री भी तेजी से बढ़ रही है.
पांच वर्ष पहले, इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में भारत का वेटेज 9 प्रतिशत था, जो कि अब 20 प्रतिशत हो गया है.
भारत की विकास दर वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत थी, जिसके 2024-25 में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
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एबीएस/