भारत को प्लास्टिक कचरे से निपटने में मदद करेगी प्लास्टोनिक्स, वी टेक्नोलॉजीज के साथ मिलकर करेगी काम

टोरंटो, 25 नवंबर . भारत को प्लास्टिक कचरे से निपटने में मदद करने के लिए कनाडा स्थित प्लास्टिक रिसाइक्लिंग टेक्नोलॉजीज कंपनी ‘प्लास्टोनिक्स’ ने सोमवार को बेंगलुरु और न्यूयॉर्क स्थित आईटी सर्विस कंपनी ‘वी टेक्नोलॉजीज’ के साथ मिलकर काम करने का ऐलान किया है.

दोनों कंपनियां प्लास्टोनिक्स की पेटेंट पेंडिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए भारत में प्‍लास्टिक वेस्ट रिसाइक्लिंग सिस्टम को विकसित करने के लिए 50:50 संयुक्त उद्यम का प्रयास करेंगी.

कंपनी ने एक बयान में कहा कि वी टेक्नोलॉजीज अपनी पहली सुविधा के लिए एक साइट का चयन करेगी. अपनी इन-हाउस इंजीनियरिंग टीम का इस्तेमाल करते हुए वह पायलट प्लांट को डिजाइन, निर्माण और इसके मालिकाना उपकरण और विनिर्माण के साथ जोड़ेगी.

वी टेक्नोलॉजीज इस सुविधा का इस्तेमाल भारतीय बाजार के लिए प्रौद्योगिकी की व्यावसायिक-स्तरीय प्रभावशीलता को अनुकूलित करने के लिए करेगी. इसके साथ ही प्लास्टोनिक्स के साथ मिलकर संयुक्त उद्यम को लाभ पहुंचाने के लिए इस जानकारी का भी उपयोग करेगी.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, देश ने साल 2023 में लगभग 9.46 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न किया है. अनुमान है कि केवल आठ प्रतिशत प्लास्टिक कचरे को रिसाइकिल किया जा रहा है.

प्लास्टोनिक्स के सीईओ रोलैंड कीलबासिविक्ज ने कहा, “इंजीनियरिंग की अपनी महत्‍वपूर्ण ताकत के साथ वी टेक्‍नोलॉजी प्लास्टोनिक्स के लिए बेहद ही उपयुक्त है. हम आने वाले वर्षों में उनकी टीम के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं.”

पायलट प्लांट के लक्ष्य को हासिल करने के बाद प्लास्टोनिक्स और वी टेक्नोलॉजीज मिलकर भारत के लिए एक नई प्लास्टिक रीसाइक्लिंग कार्यक्रम को शुरू करेंगे, ताकि क्षेत्र में प्लास्टिक कचरे को महत्वपूर्ण रूप से कम किया जा सके.

देश ने साल 2016 में प्लास्टिक कचरे को राष्ट्रीय स्तर पर प्रबंधित करने के लिए प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम बनाए थे.

वी टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और सीईओ चोको वल्लियप्पा ने कहा, “आधुनिक दुनिया में प्लास्टिक की विविधता और सर्वव्यापक उपयोग ने प्लास्टिक कचरे के निपटान को एक बड़ी चुनौती बना दिया है, जिसका समाधान किया जाना चाहिए. हम प्लास्टोनिक्स के साथ साझेदारी करने के लिए उत्साहित हैं.”

एफएम/एएस