महाकुंभ 2025 : सुरक्षित, व्यवस्थित और अग्नि-मुक्त आयोजन लक्ष्य

प्रयागराज, 22 नवंबर . महाकुंभ-2025 को सुरक्षित और अग्नि-मुक्त बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. मेले में आग की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से कई प्रतिबंध और दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं और संस्थाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

पूर्व में हुई घटनाओं से सबक लेते हुए योगी सरकार ने इस बार कल्पवासियों के टेंट में हीटर, ब्लोअर और इमर्सन रॉड जैसे अनधिकृत उपकरणों के उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है. महाकुंभ 2025 में नियमों के सख्ती से पालन के साथ, सरकार का लक्ष्य एक सुरक्षित, व्यवस्थित और अग्नि-मुक्त आयोजन को सफल बनाना है.

मेले में बिजली के उपयोग को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं. अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि महाकुंभ मेले में हीटर, ब्लोअर और इमर्सन रॉड जैसे उपकरणों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह कदम आग की घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है. पूर्व में देखा गया है कि मेले के दौरान हुई आग की अधिकतर घटनाओं में शॉर्ट सर्किट बड़ी वजह रही है, जो हीटर या ब्लोअर के कारण उत्पन्न हुई.

अधिशाषी अभियंता अनूप सिन्हा ने बताया कि हीटर, ब्लोअर और इमर्सन रॉड के साथ-साथ मेले में कटिया लगाकर बिजली के उपयोग पर भी सख्त प्रतिबंध रहेगा. ऐसा करते पाए जाने पर संबंधित संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके अतिरिक्त, यदि किसी संस्था द्वारा विद्युत विभाग की वायरिंग में छेड़छाड़ की जाती है और उसके कारण कोई घटना होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस संस्था की होगी. ऐसी संस्थाओं को भविष्य में प्रतिबंधित भी किया जा सकता है.

संस्थाओं को निर्देश दिया गया है कि यदि वे स्वयं वायरिंग करते हैं, तो यह कार्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप होना चाहिए. वायरिंग के लिए एमसीबी और कंड्यूट पाइप का उपयोग अनिवार्य होगा. इसके साथ ही, संस्था को अपनी वायरिंग के उपरांत विद्युत सुरक्षा से अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) प्राप्त करना होगा. सरकार के इन कदमों का उद्देश्य महाकुंभ-2025 को पूरी तरह सुरक्षित और अग्नि-मुक्त बनाना है. इस बार का महाकुंभ एक ऐसा आयोजन होगा, जहां सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन किया जाएगा, ताकि लाखों श्रद्धालु बिना किसी भय के धार्मिक आयोजन में भाग ले सकें.

एसके/एबीएम