मुंबई, 22 नवंबर . फिल्म ‘दम लगा के हईशा’ के बारे में बात करते हुए बॉलीवुड अभिनेत्री भूमि पेडनेकर पुरानी यादों की सैर पर निकल पड़ीं. अभिनेत्री ने कहा कि उस समय इंडस्ट्री में उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया.
2015 में रिलीज हुई ‘दम लगा के हईशा’ का निर्देशन शरत कटारिया ने किया था. इस फिल्म में भूमि पेडनेकर के साथ आयुष्मान खुराना, संजय मिश्रा और सीमा पाहवा भी थीं. फिल्म में प्रेम नामक एक स्कूल ड्रॉपआउट की कहानी बताई गई है, जो एक शिक्षित, लेकिन अधिक वजन वाली लड़की संध्या से शादी करने में हिचकिचाता है. शादी होने के बाद यह जोड़ा एक दौड़ प्रतियोगिता भाग लेता है, जिसमें प्रेम, संध्या को अपनी पीठ पर उठाकर दौड़ लगाता है. इस खेल में जीत के बाद दोनों की बीच की दूरियां खत्म हो जाती है.”
अभिनेत्री ने कहा, “‘दम लगा के हईशा’ से सिर्फ मैं ही नहीं, बल्कि दर्शक भी इससे गहराई से जुड़े. आज भी मेरे फैंस सबसे पहले यही कहते हैं कि हमें दम लगा के हईशा में तुम बहुत पसंद आई. यह वाकई बहुत खास है.”
इस फिल्म ने अपनी कहानी के जरिए रूढ़िवादिता को तोड़ा और सुंदरता के मानकों पर सवाल उठाए. भूमि ने कहा, “मुझे लगता है कि यह फिल्म उन सभी कारणों से खास है, जिन्होंने वाकई इस बात सवाल उठाए हैं.
35 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा कि जब उन्होंने यह फिल्म की, तो वे आश्चर्यचकित रह गईं.
उन्होंने कहा, “जब दम लगा के हईशा बनी, वो पल मेरे लिए बेहद ही खास था,क्योंकि मुझे लगा कि यह यशराज फिल्म की एक हिंदी फिल्म की नायिका है जो उन लड़कियों की तरह नहीं दिखती जिन्हें उन्होंने पहले अपनी फिल्मों में लिया है.”
भूमि के लिए फिल्म की सफलता ने साबित कर दिया कि प्रतिभा दिखावे से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण होती है.
भूमि ने कहा, ”मैं अब इस चीज के लिए अपने आप की बहुत भाग्यशाली मनाती हूं कि मुझे काम करने के लिए हर तरह के अवसर और मंच मिले.”
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एमकेएस/