शिमला, 21 नवंबर . हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने गुरुवार को विपक्षी पार्टियों द्वारा किए जा रहे हमलों पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि भाजपा के अंदर वर्चस्व की जंग तेज हो चुकी है.
उन्होंने कहा,“ विपक्षी नेताओं द्वारा हाल के दिनों में जो राजनीतिक माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है, वह विशेष रूप से भाजपा के नेताओं द्वारा प्रेस कांफ्रेंस और मीडिया ब्रीफिंग के माध्यम से हो रही है. भाजपा के कई नेता जैसे जयराम ठाकुर, अनुराग ठाकुर, नंदा साहब, रणवीर शर्मा, और बिंद्रा साहब द्वारा लगातार प्रेस कांफ्रेंस की जा रही हैं, इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि भाजपा के अंदर नेतृत्व की वर्चस्व की लड़ाई तेज हो गई है.”
उन्होंने कहा, “इस माहौल में विपक्ष के नेता प्रदेश के बारे में गलत जानकारी देकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. उनका यह प्रयास प्रदेश के बारे में नकारात्मक छवि बनाने का है, जैसे कि हिमाचल प्रदेश में नौकरियों का संकट है, लोग सड़कों पर हैं, और आर्थिक स्थिति खराब है. यह सब उन छोटी-मोटी समस्याओं को उभारने का प्रयास किया जा रहा है, जो राजनीतिक लाभ के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित की जा रही हैं.”
उन्होंने कहा, “उदाहरण के तौर पर, 64 करोड़ रुपये का मामला उठाया गया है, जिसमें हिमाचल प्रदेश की संपत्ति (हिमाचल भवन) दिल्ली में अटैच करने का आदेश आया है. यह कोई नई घटना नहीं है, ऐसी घटनाएं अन्य राज्यों में भी होती रही हैं. यह मामला 2009 का है, जब हिमाचल प्रदेश की पावर पॉलिसी के तहत पावर प्रोजेक्ट्स का आवंटन हुआ था और एक कंपनी ने 14.4 फीसद मुफ्त बिजली और 20 लाख रुपये प्रति मेगावाट का ऑफर देकर यह प्रोजेक्ट हासिल किया था. बाद में कंपनी ने परियोजना को पूरा करने में असमर्थता जताई, इसके कारण मामला कोर्ट में चला गया. यह मामला अब भी अदालत में है और इस पर निर्णय लंबित है.”
उन्होंने कहा, “हमने पहले भी कई ऐसे मामलों में प्रदेश के हित को प्राथमिकता दी, जैसे कि पर्यटन निगम की घाटे में चल रहे इकाइयों के बारे में उच्च न्यायालय का आदेश आया था कि इन्हें बंद किया जाए या आउटसोर्स किया जाए. इस पर हमारी सरकार ने गंभीरता से विचार किया और एक उच्च स्तर की समिति बनाई है, जो इस रिपोर्ट को तैयार कर रही है. इसके अलावा, विपक्ष के नेता लगातार प्रदेश के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं, लेकिन वे कभी यह नहीं बताते कि उनके द्वारा किए गए योगदान क्या हैं. विपक्षी नेताओं को चाहिए कि वे सरकार के अच्छे कामों की सराहना करें और प्रदेश की भलाई के लिए सकारात्मक सुझाव दें. उन्होंने सत्ता में रहते हुए जो गलत फैसले लिए, उनसे बचने की आवश्यकता है.”
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जैसे कि दूध को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लाना, जो देश में कहीं नहीं हुआ. इसके अलावा, बच्चों की शिक्षा, भोजन और उनके रहन-सहन की जिम्मेदारी उठाना, जो राज्य सरकार ने उठाया है, यह सब प्रदेश की बेहतरी की दिशा में किए गए प्रयास हैं.”
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