गुयाना में कैरेबियाई नेताओं से मिले प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति इरफान अली बोले- पीएम मोदी की यात्रा स्थायी साझेदारी का प्रमाण

जॉर्जटाउन, 20 नवंबर . गुयाना की ऐतिहासिक यात्रा पर गए पीएम मोदी ने बुधवार सुबह (भारतीय समयानुसार) जॉर्जटाउन पहुंचने के तुरंत बाद कई कैरेबियाई कम्युनिटी (सीएआरआईसीओएम) के नेताओं से मुलाकात की. यह जानकारी गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने दी.

बता दें यह 56 वर्षों में दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है.

जी 20 शिखर सम्मेलन के समापन के बाद रियो डी जेनेरियो से एयरपोर्ट पहुंचने पर पीएम मोदी का स्वागत गुयाना के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) मार्क एंथनी फिलिप्स ने एक दर्जन से अधिक कैबिनेट मंत्रियों के साथ किया.

गुयाना के राष्ट्रपति ने (बुधवार शाम, भारतीय समयानुसार) एक्स पर पोस्ट किया, “कल शाम, मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीन दिवसीय राजकीय दौरे के लिए गुयाना में स्वागत किया. बाद में शाम को जॉर्जटाउन के गुयाना मैरियट होटल में मुझे प्रधानमंत्री मोदी को कई सीएआरआईसीओएम नेताओं से मिलवाने का सौभाग्य मिला, जो दूसरे भारत-सीएआरआईसीओएम शिखर सम्मेलन के लिए यहां आए हैं. इस बैठक ने भारत और कैरीबियाई देशों के बीच मजबूत होते संबंधों को रेखांकित किया, जो साझा मूल्यों और आपसी प्रगति के दृष्टिकोण पर आधारित है.”

गुयाना के नेता ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री मोदी को गुयाना में भारतीय प्रवासियों के सदस्यों से जुड़ने का अवसर भी मिला. उन्होंने कहा, “हमारी ‘वन गुयाना’ पहल के तहत सांस्कृतिक प्रदर्शन को देखना बहुत ही सुखद था, जो कि विविधता में एकता और हमारे राष्ट्रों को जोड़ने वाले गहरे संबंधों का सेलीब्रेशन था.”

प्रधानमंत्री मोदी ग्लोबल साउथ के लिए लगातार कोशिशें कर रहे हैं. वहीं 15 सदस्यीय सीएआरआईसीओएम भारत के साथ ‘घनिष्ठ और जीवंत कार्य संबंध’ बनाए रखने पर जोर दे रहा है.

अली ने कहा, “आज हम उच्च स्तरीय चर्चाओं में शामिल होने और समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर के माध्यम से कई समझौतों को औपचारिक रूप देने के लिए तत्पर हैं. यह यात्रा गुयाना और भारत के बीच स्थायी साझेदारी का प्रमाण है और मुझे विश्वास है कि इससे भविष्य में और भी अधिक सहयोग बढ़ेगा.”

गुयाना की की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी भारत-सीएआरआईसीओएम शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करने के अलावा संसद के एक विशेष सत्र को भी संबोधित करेंगे.

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