लखनऊ, 19 नवंबर . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए सुदृढ़ नीतिगत ढांचा तैयार करने की आवश्यकता बताई है. उन्होंने कहा है कि राज्य में अंतिम मील तक सुगम डिलीवरी के लिए परिवहन अवस्थापना तथा यातायात योजना बनाया जाना चाहिए. एक ऐसी योजना हो जो राज्य में वेयरहाउसिंग एवं अन्य टर्मिनल अवस्थापना को समर्थन प्रदान करे, साथ ही, एक सुरक्षित एवं सुदृढ लॉजिस्टिक्स रेग्युलेटरी इकोसिस्टम का निर्माण करने वाली हो. ऐसे में प्रदेश का एकीकृत स्टेट लॉजिस्टिक्स प्लान तैयार किया जाए.
मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत नियोजित प्रयासों का ही परिणाम है कि भारत सरकार की लीड्स रैंकिंग में उत्तर प्रदेश 13वें रैंक से ऊपर उठकर आज अचीवर स्टेट के रूप में उभरा है. इन प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए लॉजिस्टिक्स उद्योग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है. लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में निवेश आकर्षित किया जाए, राज्य में वेयरहाउसिंग सुविधाओं की स्थापना के लिए सुविधाजनक वातावरण सुनिश्चित किया जाए. आवश्यकता है कि इस सेक्टर के प्रभावी प्रशासन के लिए संस्थागत तंत्र बनाया जाए.
सीएम योगी ने कहा कि राज्य में कृषि उपज और उत्पादों के लिए आर्थिक केंद्रों और एकत्रीकरण बिंदुओं की पहचान करने और संबंधित लॉजिस्टिक्स संबंधी चुनौतियों का समाधान करने, सड़क, वायु, जल और रेल नेटवर्क के सामंजस्य को बढ़ावा देकर ट्रैफिक लिंकेज बढ़ाने, राज्य में भंडारण क्षमता बढाने के लिए नियोजित प्रयास आवश्यक है. स्टेट लॉजिस्टिक प्लान को तैयार करते समय हमें यह ध्यान देना होगा कि चोरी/आगजनी/दंगों आदि के कारण माल को कम से कम हानि हो. सड़क पर माल की आवाजाही के न्यूनतम निरीक्षण व न्यूनतम रुकावटों के लिए इकोसिस्टम को बढ़ावा दिया जा सके.
उन्होंने कार्गो की सुरक्षित आवाजाही और ट्रैकिंग सुनिश्चित करने के लिए टेक्नोलॉजी अपनाने पर बल दिया साथ ही कहा कि राज्य में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र से संबंधित कौशल विकास/प्रशिक्षण सुविधाओं में वृद्धि भी की जाए. आवश्यक प्रशिक्षित ड्राइवरों की मांग-आपूर्ति के अंतर को दूर करने की जरूरत बताते हुए मुख्यमंत्री ने उद्योग से संबंधित कौशल प्रदान करने के लिए पाठ्यक्रमों को कस्टमाइज़ करने के निर्देश भी दिए.
प्रस्तावित स्टेट लॉजिस्टिक्स प्लान पर चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान में ट्रकों के लिए निर्धारित पार्किंग स्थलों की कमी है, जिससे ट्रैफिक जाम होता है. भारी ट्रैफिक, अतिक्रमण और निर्माण के कारण जाम की स्थिति बनती है. वहीं, नो-एंट्री जोन और रेलवे क्रॉसिंग पर अपर्याप्त पुल जैसी बाधाएं, जिससे माल की आवाजाही प्रभावित होती है. यही नहीं, लंबी दूरी की यात्रा करने वाले ड्राइवरों के लिए विश्राम करने और पार्किंग क्षेत्र जैसी पर्याप्त सुविधाओं का अभाव का अनुभव किया गया है. नई योजना में इन समस्याओं के स्थायी समाधान भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए. स्टेट लॉजिस्टिक्स प्लान को औपचारिक रूप देने के लिए लॉजिस्टिक्स डिवीजन का गठन भी होना चाहिए. यह डिवीजन लॉजिस्टिक्स योजना के अंतर्गत योजना की प्रगति की नियमित मॉनिटरिंग करने वाला होगा.
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एसके/