2024-25 में बजट लक्ष्य से अधिक रह सकता है प्रत्यक्ष कर संग्रह

नई दिल्ली, 19 नवंबर . आयकर विभाग को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह बजट के लक्ष्य 22.07 लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है. यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने दी.

अग्रवाल ने कहा कि कॉरपोरेट और नॉन-कॉरपोरेट टैक्स में बढ़त हुई है. आयकर विभाग को विश्वास है कि लगातार दूसरे वर्ष प्रत्यक्ष कर संग्रह बजट लक्ष्य से अधिक रहेगा. यह मजबूत आर्थिक विकास से संचालित देश की मजबूत राजकोषीय स्थिति को दर्शाता है.

सीबीडीटी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के दौरान 1 अप्रैल से 10 नवंबर तक भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह, जिसमें कॉर्पोरेट कर और व्यक्तिगत आयकर शामिल हैं, 15.4 प्रतिशत बढ़कर 12.1 लाख करोड़ रुपये हो गया.

समीक्षा अवधि के दौरान सकल आधार पर प्रत्यक्ष कर संग्रह 21 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 15 लाख करोड़ रुपये हो गया. सरकार ने 2.9 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड जारी किया, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 53 प्रतिशत अधिक है.

चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने 22.07 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य रखा है. इसमें 10.20 लाख करोड़ रुपये कॉरपोरेट कर से और 11.87 लाख करोड़ रुपये व्यक्तिगत आयकर, गैर-कॉरपोरेट कर और अन्य करों से शामिल हैं.

वित्त वर्ष 2023-24 में कॉरपोरेट और पर्सनल टैक्स मिलाकर 19.58 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर संग्रह हुआ था, जो कि इससे पहले के वित्त वर्ष में 16.64 लाख करोड़ रुपये था. इस दौरान सालाना वृद्धि दर 17.7 प्रतिशत थी.

2023-24 के केंद्रीय बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य 18.23 लाख करोड़ रुपये तय किया गया था और बाद में संशोधित अनुमान (आरई) में इसे बढ़ाकर 19.45 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया.

एबीएस/एबीएम