श्रीनगर, 19 नवंबर . जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी जयंती पर याद किया. कहा कि देश में शायद ही कोई ऐसा हो जिसके दिल में उनके लिए सम्मान न हो.
मंगलवार को से बातचीत में उन्होंने कहा, “आज का दिन इंदिरा गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने का है, क्योंकि आज उनकी जयंती है. इंदिरा गांधी का नाम भारतीय राजनीति में एक बहुत ही अहम स्थान रखता है और उनका योगदान हमारे देश के लिए बहुत बड़ा रहा है. हिंदुस्तान में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जिनके दिल में इंदिरा गांधी के लिए सम्मान और अच्छा विचार न हो. उनका योगदान इस देश की अखंडता, एकता और सलामती के लिए अनमोल रहा है.”
उन्होंने कहा, “इंदिरा गांधी ने अपने जीवन में हमेशा देश की एकता और अखंडता के लिए काम किया. उन्होंने कहा था कि अगर उनके खून का एक भी कतरा इस देश की सलामती के लिए काम आए, तो वह उसे देने के लिए तैयार हैं. यही कारण है कि आज भी जब हम अपने देश को एकजुट और ताकतवर देख रहे हैं, तो यह इंदिरा गांधी की प्रेरणा का ही परिणाम है. उनका नेतृत्व और विचारों ने भारत को एक ताकतवर देश बना दिया, जो दुनिया के मंच पर अपनी मजबूत पहचान बनाए हुए है.”
उन्होंने आगे कहा, “आज के समय में अगर हम देश के कुछ नेताओं की सोच और उनके कार्यों को देखते हैं, तो यह साफ नजर आता है कि कुछ लोग अपनी छोटी सोच से देश की राजनीति को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. उनके विचार और काम छोटे स्तर के होते हैं, जो उनके मानसिकता का ही प्रतीक हैं. दुर्भाग्यवश, ऐसे लोग बड़े पदों पर बैठे हुए हैं और उनकी छोटी सोच कभी भी बड़े और विकासशील देश के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती. इससे यह स्पष्ट होता है कि कुछ नेता अपनी सोच के हिसाब से खुद को बड़ा साबित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनके विचार बहुत ही संकुचित और सीमित हैं.”
उन्होंने कहा, “जहां तक कांग्रेस पार्टी की बात है, तो हाल ही में हुए चुनावों में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन अभी 23 तारीख तक हमें इंतजार करना होगा कि चुनावों में क्या परिणाम सामने आता है. खासकर महाराष्ट्र में जो चुनाव हो रहे हैं, उसमें अमीर और गरीब के बीच का अंतर प्रमुख मुद्दा बना हुआ है. बीजेपी ने इस पर काफी हमला किया है, और गिरिराज सिंह ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.”
उन्होंने कहा, “भाजपा द्वारा उठाए गए ‘अमीर और गरीब’ के मुद्दे को एक प्रतीकात्मक बात के तौर पर देखा जा सकता है. उनकी नीतियों का प्रभाव आम जनता पर नहीं, बल्कि बड़े पूंजीपतियों पर पड़ता है.”
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एसएचके/केआर