मुंबई, 18 नवंबर . महाराष्ट्र चुनाव में सोमवार को चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिए पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया. भारतीय जनता पार्टी नेता हितेश जैन ने उनकी इस प्रेस कांफ्रेंस पर सवाल उठाए हैं.
उन्होंने से बात करते हुए कहा, “राहुल गांधी कोई गंभीर नेता नहीं हैं, वे सिर्फ पर्यटन के लिए महाराष्ट्र आए हैं. उनके लिए चुनाव कोई गंभीर मसला नहीं है. वे केवल एंटरटेनमेंट के लिए आते हैं. कभी हाथ हिलाते हैं, कभी खाली किताब दिखाते हैं और कुछ बेतुकी बातें करके चले जाते हैं. मुझे तो यह भी नहीं लगता कि उनकी पार्टी के लोग उन्हें गंभीरता से लेते हैं. अगर आप देखें, तो महाराष्ट्र के चुनाव प्रचार का आज समापन हो रहा है, और राहुल गांधी ने इसमें कितनी गंभीरता दिखाई, ये सवाल है.”
उन्होंने आगे कहा, “जब महा विकास अघाड़ी की सरकार थी, तो उन्होंने क्या किया? अब वह संविधान की बातें कर रहे हैं, लेकिन जब उनकी सरकार में कोई आलोचना करता था, तो उन पर दबाव डालकर उन्हें जेल में डालने की धमकी दी जाती थी. राहुल गांधी को आलोचना बर्दाश्त नहीं होती. आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस को देखिए. कुछ चुने हुए पत्रकारों को लिखित सवाल दिए गए थे, वही सवाल पूछे जा रहे थे, और जो सवाल राहुल गांधी को पसंद नहीं थे, वे नहीं पूछे गए. कई पत्रकारों ने ट्वीट किया कि उन्हें सवाल पूछने का मौका ही नहीं मिला. तो यह साफ है कि राहुल गांधी एक गंभीर नेता नहीं हैं. उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. वे खुद को एंटरटेन करने आए हैं और महाराष्ट्र की जनता को भी एंटरटेन करने आए हैं, फिर वे अपनी मर्जी से चले जाएंगे.”
इसके बाद उन्होंने उद्धव ठाकरे द्वारा भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ की गई हिंसक टिप्पणी पर कहा, “देखिए, चुनाव में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल हो रहा है. उद्धव ठाकरे को भी यह पता है कि उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक रही है. इस चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान शिवसेना (उद्धव गुट) को होगा, क्योंकि उन्होंने अपनी विचारधारा बदल दी है. उद्धव को तो यह चुनौती दी गई थी कि वे हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे की तरह उन्हें संबोधित करें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. आज ये लोग लाचार हो गए हैं. ये लाचार लोग हैं जो सत्ता के लिए कांग्रेस के सामने नतमस्तक हो गए हैं.”
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पीएसएम/जीकेटी