रांची, 18 नवंबर . लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को रांची में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि जातिगत जनगणना होते ही देश की राजनीति और व्यवस्था बदल जाएगी. 21वीं सदी में डेटा सबसे कीमती चीज है. जातिगत जनगणना से वह आंकड़ा सामने आएगा, जिससे पता चलेगा कि देश के पावर स्ट्रक्चर और विभिन्न संस्थाओं में पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों की कितनी भागीदारी है. इसी के आधार पर हमें उनके लिए योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी. हम सभी वर्ग के लोगों को न्याय दे पाएंगे. पिछड़े वर्ग की आबादी और उनकी भागीदारी कोई नहीं जानता.
राहुल गांधी ने कहा कि कर्नाटक और तेलंगाना में हमारी सरकार है. हम दोनों राज्यों में लाखों लोगों के साथ जातिगत जनगणना पर चर्चा कर रहे हैं. उनसे राय ले रहे हैं कि इस जनगणना के दौरान किस तरह के सवाल पूछे जाने चाहिए. इस पर बेहतरीन सुझाव आ रहे हैं. हम जातिगत जनगणना में लोगों की राय को शामिल करेंगे. इसके लिए हमारे पास पूरा रोडमैप है. हम जानते हैं कि हमारी आबादी में 50 प्रतिशत पिछड़े, 15 प्रतिशत दलित और 8 प्रतिशत आदिवासी हैं, लेकिन भारत की संस्थाओं में उनकी भागीदारी कितनी है, यह पता नहीं. इसकी जानकारी सामने आने के बाद हम 50 फीसदी आरक्षण की सीमा तोड़ देंगे.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मेरे बारे में यह झूठ बोलते हैं कि मैं आरक्षण के खिलाफ हूं. मैं पूरी तरह आरक्षण के समर्थन में हूं. मैंने उनसे लोकसभा में पूछा कि आरक्षण को सही तरीके से लागू कराने के लिए क्या आप जातिगत जनगणना कराएंगे, तो उन्होंने मेरे सवाल का जवाब तक नहीं दिया. हम झारखंड में आदिवासियों का आरक्षण 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत, दलितों का आरक्षण 12 से 14 प्रतिशत और पिछड़ों का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करेंगे.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा आदिवासियों को वनवासी कहती है. यह उनका अपमान है. भाजपा की सोच आदिवासी विरोधी है. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने झारखंड के मुख्यमंत्री को डराने की कोशिश की है. उन्हें गलत आरोपों में जेल भेजा. वे झारखंड के लिए दम लगाकर काम कर रहे हैं. उन्हें हमारा पूरा सपोर्ट है. केंद्र सरकार ने झारखंड का 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए रोक रखा है. यह झारखंड के भूमि मुआवजे और कोयले की रॉयल्टी का पैसा है. यह यहां के पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों का पैसा है. केंद्र यह पैसा झारखंड को दे. इसका उपयोग झारखंड की महिलाओं, युवाओं और यहां के लोगों के विकास में होगा.
कांग्रेस नेता ने कहा कि गरीबों और महिलाओं को हम जो ढाई हजार, तीन हजार रुपए देने की बात कह रहे हैं, उसे मुफ्त की योजना कहना उनका अपमान है. जब उद्योगपतियों और अरबपतियों के करोड़ों के कर्ज माफ होते हैं तो उसे आप मुफ्त की योजना क्यों नहीं कहते. इसलिए, गरीबों को कुछ हजार रुपए देने की योजना हमारी न्याय की योजना है. हमारी झारखंड में नई सरकार बनते ही हम महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपए, 450 रुपए में गैस सिलेंडर, हर गरीब को महीने में सात किलो अनाज देंगे. किसानों को धान पर मिलने वाली एमएसपी की रकम 2,400 से बढ़ाकर 3,200 रुपए प्रति क्विंटल करेंगे. हमने राजस्थान में 25 लाख रुपए तक की स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की थी. झारखंड में हम 15 लाख रुपए तक की स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करेंगे.
उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में हम झारखंड में 10 लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ने की कोशिश करेंगे. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन द्वारा पिछले चुनाव के दौरान पांच लाख लोगों को नौकरी देने के वादे के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें काम करने से रोका गया. भाजपा ने उनकी राह में बाधा पैदा की. इसके बावजूद उन्होंने इस मोर्चे पर काम किया. देश में रोजगार इसलिए पैदा नहीं हो पा रहे, क्योंकि भाजपा की सरकार ने नोटबंदी और गलत जीएसटी लागू किया.
राहुल गांधी ने झारखंड में हो रहे चुनाव को विचारधारा की लड़ाई बताया. उन्होंने कहा कि एक तरफ हम लोग हैं जो संविधान को बचाने और आरक्षण बढ़ाने की बात कह रहे हैं तो दूसरी तरफ आरएसएस के लोग हैं, जो संविधान खत्म करने में लगे हैं. मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर पूछे गए सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा कि वहां जो कुछ हो रहा है, बहुत गलत हो रहा है. वहां शांति स्थापित होनी चाहिए. प्रधानमंत्री आज तक मणिपुर नहीं गए. हम ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में 4 हजार किलोमीटर चले. नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान का नारा दिया. हम नफरत को मिटाना चाहते हैं. भाजपा नफरत फैलाती है. इसी की वजह से आग लगती है.
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एसएनसी/एबीएम