राहुल गांधी मजबूरी में बालासाहेब ठाकरे को कर रहे याद : प्रेम शुक्ला

मुंबई, 17 नवंबर . भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने रविवार को से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय दी. प्रेम शुक्ला ने राहुल गांधी के बालासाहेब ठाकरे को लेकर किए गए बयान और कांग्रेस के दलित विरोधी रवैये पर सवाल उठाए. इसके अलावा, उन्होंने नवनीत राणा की सभा में हुए हंगामे पर भी टिप्पणी की.

राहुल गांधी द्वारा बालासाहेब ठाकरे को याद करने पर भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बालासाहेब ठाकरे को याद तो कर रहे हैं, लेकिन श्रद्धा सुमन अर्पित करने की उदारता नहीं दिखा रहे. यह उनके लिए मजबूरी है. अगर राहुल गांधी बालासाहेब ठाकरे को याद कर रहे हैं, तो कम से कम उनकी कही हुई बातों को भी याद करें. बाला साहेब ठाकरे ने दिसंबर 2000 में कहा था कि मुस्लिमों का मताधिकार छीना गया, तो कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दल उनके पास फटकेंगे भी नहीं. उन्होंने यह भी कहा था कि जो फतवा देने वाले लोग हैं, वे इस देश को एक दिन डकार लेंगे.

उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने बार-बार कहा था कि वह अपनी शिवसेना को कांग्रेस नहीं बनने देंगे और यदि जरूरत पड़ी तो अपनी दुकान बंद कर देंगे, लेकिन कांग्रेस को अपनी पार्टी में शामिल नहीं होने देंगे. उन्होंने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा कि आप बालासाहेब ठाकरे को याद तो कर रहे हैं, लेकिन उनकी बातों को भी याद करें.

उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नितिन राउत के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें राउत ने दावा किया था कि जब विलासराव देशमुख मुख्यमंत्री थे, तो उन्हें ‘जय भीम’ बोलने के कारण कैबिनेट में जगह नहीं दी गई. इस पर शुक्ला ने कहा कि नितिन राउत का यह बयान कांग्रेस के असली चेहरे को सामने लाता है. कांग्रेस हमेशा से ही डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की विरोधी रही है. वही कांग्रेस, जिसने डॉ. अंबेडकर को संसद में अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया और बार-बार उन्हें पराजित किया. जिस कांग्रेस ने इसकी व्यवस्था की कि बाबासाहेब अंबेडकर की चिता दिल्ली में न लगने पाए. वह कांग्रेस जय भीम का नारा सुनने के बाद निश्चित तौर पर उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी, क्योंकि कांग्रेस दलित और बाबा साहब अंबेडकर की विरोधी है

इसके अलावा, प्रेम शुक्ला ने नवनीत राणा की सभा में हुए हंगामे पर भी प्रतिक्रिया जाहिर की. उन्होंने कहा कि नवनीत राणा की सभा में बवाल हुआ था और कुछ उत्पाती तत्वों ने कुर्सियां फेंकी थीं. यह पूरी तरह से गलत है और इस तरह के लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

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