झारखंड में कांग्रेस के 450 रुपये में एलपीजी सिलेंडर देने के वादे पर छिड़ा विवाद, भाजपा ने घुसपैठियों के जिक्र को बताया राष्ट्र-विरोधी

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान सियासी माहौल गरम हो गया है. कांग्रेस महासचिव और झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर के एक बयान ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है. उन्होंने एक चुनावी रैली में कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो राज्य के सभी नागरिकों को 450 रुपये में एलपीजी सिलेंडर मिलेगा. लेकिन उनके इस बयान में “घुसपैठियों” का उल्लेख भाजपा के लिए कांग्रेस पर निशाना साधने का हथियार बन गया है.

गुलाम अहमद मीर ने झारखंड के बेरमो विधानसभा क्षेत्र के चंद्रपुरा में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि, “हमने वादा किया है कि अगर हमारी सरकार बनती है तो हम 1 दिसंबर से 450 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराएंगे. यह योजना सभी के लिए होगी, चाहे वे हिंदू हों, मुसलमान हों या घुसपैठिए. किसी के धर्म या पहचान से फर्क नहीं पड़ेगा.”

कांग्रेस का यह बयान गरीबों के लिए राहत देने की मंशा के रूप में पेश किया गया, लेकिन भाजपा ने इसे घुसपैठियों को समर्थन देने का सीधा प्रमाण मान लिया.

भाजपा का तीखा पलटवार: तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप

कांग्रेस के इस बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे “राष्ट्र-विरोधी बयान” करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस घुसपैठियों को संरक्षण देकर झारखंड में तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति कर रही है. गिरिडीह जिले के बिरनी में एक रैली में शिवराज ने कहा, “कांग्रेस और झामुमो ने झारखंड में लाखों घुसपैठियों को बसने दिया. इन्हें वोटर कार्ड और राशन कार्ड जैसी सुविधाएं दी गईं. अब कांग्रेस इन्हें सस्ते सिलेंडर देने का वादा कर रही है. क्या यह झारखंड के आदिवासियों के अधिकारों का हनन नहीं है?”

योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस को घेरा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बोकारो में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, “गुलाम अहमद मीर ने अपने बयान में हिंदुओं, मुसलमानों और घुसपैठियों को समान बताया. यह कांग्रेस की मंशा को स्पष्ट करता है. कांग्रेस का इरादा झारखंड के संसाधनों को घुसपैठियों में बांटने का है. भाजपा यह कभी नहीं होने देगी. झारखंड के आदिवासियों के अधिकार और उनकी जमीन सुरक्षित रहनी चाहिए.”

घुसपैठ का मुद्दा: झारखंड की राजनीति में विवाद का केंद्र

झारखंड में घुसपैठ का मुद्दा लंबे समय से राजनीतिक बहस का हिस्सा रहा है. भाजपा ने इसे बार-बार उठाया है, जबकि कांग्रेस और झामुमो ने इसे लेकर नरम रुख अपनाया है.
भाजपा का दावा है कि झारखंड में लाखों घुसपैठिए बस गए हैं, जो राज्य के मूल निवासियों के अधिकारों पर अतिक्रमण कर रहे हैं.

भाजपा के आरोप हैं कि झामुमो-कांग्रेस गठबंधन ने इन घुसपैठियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने के लिए जरूरी दस्तावेज और सुविधाएं प्रदान की हैं. दूसरी ओर, कांग्रेस का कहना है कि उनका उद्देश्य राज्य के गरीब और पिछड़े वर्गों को राहत देना है, न कि किसी समुदाय विशेष को फायदा पहुंचाना.

कांग्रेस का पक्ष: कल्याणकारी योजनाओं का समर्थन

कांग्रेस ने अपने बयान का बचाव करते हुए इसे गरीबों और मध्यम वर्ग को राहत देने की योजना बताया है. पार्टी का तर्क है कि झारखंड के लोग बढ़ती गैस की कीमतों से परेशान हैं, और कांग्रेस इस बोझ को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है.

गुलाम अहमद मीर ने कहा, “हमने हमेशा झारखंड के सभी वर्गों के हितों के लिए काम किया है. 450 रुपये में सिलेंडर देना हमारी सरकार की प्राथमिकता होगी. भाजपा इस मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है, जबकि हमारा फोकस सिर्फ जनता को राहत देना है.”

चुनावी समीकरण और जनता की राय

कांग्रेस का यह बयान चुनावी मैदान में एक बड़ा मुद्दा बन गया है.

  • भाजपा इसे कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति का उदाहरण बता रही है.
  • कांग्रेस इसे गरीबों और पिछड़े वर्ग के लिए राहत योजना के रूप में प्रचारित कर रही है.

झारखंड की जनता के बीच इस बयान को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया है. कुछ लोग कांग्रेस के इस वादे को राहत के रूप में देख रहे हैं, जबकि कई इसे घुसपैठियों को समर्थन देने वाला कदम मान रहे हैं.

क्या बनेगा चुनावी परिणाम पर असर?

झारखंड के इस विवाद ने चुनाव को और भी रोमांचक बना दिया है.

  • 20 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान होना है, और यह मुद्दा चुनाव प्रचार में केंद्र बिंदु बन गया है.
  • भाजपा इसे झारखंड की सुरक्षा और संसाधनों से जोड़ रही है, जबकि कांग्रेस इसे राहत और समानता के रूप में पेश कर रही है.

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