नई दिल्ली, 16 नवंबर . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अंबेडकर भवन में आयोजित उत्तराखंड के कार्यक्रम रैबार-6 में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में लगातार पलायन का बढ़ना काफी चिंताजनक है. जहां हर तरफ आबादी बढ़ रही है, वहीं उत्तराखंड में लगातार आबादी कम हो रही है. इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है और पलायन को रोकने के लिए कदम उठाए जाने होंगे. उत्तराखंड में बहुत सारी संभावनाएं हैं, जिनके माध्यम से पलायन रोका जा सकता है.
सीएम योगी ने कहा कि उत्तराखंड में स्पिरिचुअल और एडवेंचर टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं. प्रदेश में बहुत सारे धार्मिक स्थल हैं. देश और दुनिया में कौन-सा ऐसा सनातन स्वावलंबी होगा, जो केदारनाथ, बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री नहीं जाना चाहता है. हर कोई जाना चाहता है, इसलिए इसको एक पर्यटन के तौर पर विकसित किया जाए, इसके अलावा उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जा सकता है, क्योंकि वहां हर तरफ सुंदर पहाड़ हैं. मैदानी लोगों को इस तरफ आकर्षित किया जा सकता है.
इसके अलावा सीएम योगी ने कहा कि उत्तराखंड के लोगों के सामने रोजगार बहुत बड़ा मुद्दा है. उनकी मजबूरी है कि उन्हें रोजगार और सुविधा के लिए पलायन करना पड़ता है. उत्तराखंड में सोलर एनर्जी को भी बढ़ावा दिया जा सकता है और राज्य के दक्षिण में जितनी भी पहाड़ियां हैं, उन्हें सोलर एनर्जी का माध्यम बनाया जा सकता है.
सीएम ने कहा कि वनों के कटान और वनों में लगने वाली आग को भी रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए. ये उत्तराखंड की संपदा हैं, उनके दोहन के सभी को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. अगर इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे तो निश्चित रूप से ये संपदा राज्य की खूबसूरती में चार चांद लगाती रहेंगी.
सीएम योगी ने आगे कहा कि उत्तराखंड देवभूमि और नैसर्गिक सुंदरता के रूप में ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यह देश और दुनिया के लिए एक नर्सरी की तरह भी है, क्योंकि उत्तराखंड के लोग देश और दुनिया के हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं, जहां भी वो कार्यरत हैं, उन्होंने पूरे परिश्रम और ईमानदारी से काम किया है.
मुख्यमंत्री ने इस दौरान उनके पहले कार्यकाल पर लिखी पुस्तक योगी रामराज्य और हिल मेल का विमोचन भी किया. कार्यक्रम के दौरान योगी आदित्यनाथ पर बनी एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई.
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