दुमका,16 नवंबर . केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को झारखंड के संथाल परगना इलाके में एक ही वक्त पर चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर एक-दूसरे को कठघरे में खड़ा किया.
अमित शाह ने दुमका में जिस वक्त भाजपा की चुनावी सभा को संबोधित करते हुए घुसपैठ के लिए झारखंड की कांग्रेस, झामुमो और राजद गठबंधन सरकार को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया, ठीक उसी समय वहां से 75 किलोमीटर दूर जामताड़ा में कांग्रेस की सभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवाल उठाया कि अगर घुसपैठ हुई है, तो केंद्र की मोदी और शाह सरकार बताए कि उन्होंने इसे रोकने के लिए क्या किया.
शाह ने कहा कि हाईकोर्ट ने झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करने और मतदाता सूची से उनका नाम काटने का निर्देश दिया है, लेकिन हेमंत सोरेन इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि वे झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देते हैं. घुसपैठियों में उन्हें अपना वोट बैंक दिखता है.
गृह मंत्री ने कहा कि हेमंत सोरेन इस मामले में हमसे सवाल पूछते हैं, पर क्या उन्होंने कभी बांग्लादेश की बॉर्डर देखी है? इस बॉर्डर के लंबे इलाके में जंगल और नदियां हैं, जहां बाड़ नहीं लग पाए. घुसपैठिए इन्ही रास्तों के जरिए गांव में आते हैं. सवाल यह है कि जब घुसपैठिए आते हैं तो आपके पटवारी और थानेदार को कैसे पता नहीं चलता है?
दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी जी यह कहकर डराते हैं कि घुसपैठिए आएंगे. अगर घुसपैठ हो रही है और इसे लेकर मोदी और शाह रो क्यों रहे हैं? घुसपैठिए आ रहे हैं तो क्या वे सो रहे हैं? केंद्र में उनकी सरकार है, तो वे जवाब दें कि उन्होंने घुसपैठ को रोकने के लिए क्या किया.
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एसएनसी/