नई दिल्ली, 16 नवंबर . झांसी के ‘महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज’ में शुक्रवार रात एनआईसीयू वार्ड में लगी आग में 10 नवजातों की मौत हो गई. सियासी बयानबाजियों का दौर जारी है. कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने दुख जताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग उठाई है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, “महारानी लक्ष्मीबाई अस्पताल झांसी में 10 मासूम बच्चे प्रशासन की लापरवाही से जलकर मर गए. यह हृदय विदारक है. उनकी उम्र महज 10 दिन, 15 दिन बहुत ज्यादा एक महीने भर होगी. वह एनआईसीयू में थे. वहां उनके साथ कोई परिवार का व्यक्ति भी नहीं था. उनकी जान बचाने की जिम्मेदारी प्रशासन की थी, वो पूरी तरह से निभाई नहीं गई.”
सांसद ने दावा किया कि मदद समय पर नहीं पहुंची. आगे बोले, घंटों तक कोई मदद नहीं पहुंची, और जो लोग वहां बच्चों की देखभाल कर रहे थे, उन्हीं ने किसी तरह से बच्चों को बचाया. यह भी कहा जा रहा है कि जो आग बुझाने का प्लांट वहां था, उसकी एक्सपायरी डेट निकल चुकी थी. हालांकि, यह सब जांच का विषय है. जरूरी है कि जांच निष्पक्ष और न्यायिक तरीके से हो, ताकि यह पता चल सके कि आग कैसे लगी और उससे भी ज्यादा अहम यह है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, जिससे मासूम बच्चों की जान पर आ जाए.
उन्होंने आगे कहा, “10 मासूम बच्चों की जिनकी जिंदगी महज कुछ दिन, पंद्रह दिन या महीने भर की थी, उनकी मौत पर सोच कर दिल दहल जाता है. ऐसे बच्चों को अपनी जान से हाथ धोते हुए देखना किसी भी माता-पिता के लिए सबसे बड़ी त्रासदी है. मैं बस यह कहूंगा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, ताकि दुनिया फिर कभी उन बच्चों की तरह मासूम जिंदगियों को न खोए. उन बच्चों को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि और उनके परिवारों के साथ गहरी संवेदना. गोरखपुर की ऑक्सीजन की कमी से हुई त्रासदी अभी तक लोगों के दिलों में है, अब यह जानना जरूरी है कि झांसी में क्या हुआ और किस तरह यह हादसा हुआ.”
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पीएसएम/केआर