मुंबई का दिल कहे जाने वाला धारावी, एक ऐसा इलाका है जो संघर्ष, जीवटता और समृद्धि का प्रतीक बन चुका है. दुनिया के सबसे बड़े और घनी आबादी वाले स्लम क्षेत्रों में शुमार, धारावी में हर गली, हर कोने में ज़िंदगी बसती है. लगभग 590 एकड़ में फैला यह क्षेत्र, न केवल लाखों लोगों का घर है, बल्कि यहां की तंग गलियों में छोटे-छोटे उद्योग और अनगिनत सपने भी सांस लेते हैं.
लेकिन, धारावी के निवासियों के लिए यह जीवन आसान नहीं है. खराब ढांचागत सुविधाएं, साफ पानी और स्वच्छता की कमी, और तंग गलियों में बसी अनिश्चितता ने इसे एक चुनौतीपूर्ण स्थान बना दिया है. महायुति सरकार के प्रयासों और अडानी समूह की सक्रिय भूमिका ने इस क्षेत्र को न केवल पुनर्विकास का सपना दिखाया है, बल्कि इसे हकीकत में बदलने की ठानी है.
धारावी: इतिहास और संघर्ष
धारावी का इतिहास 19वीं सदी में मछुआरों के छोटे गांव के रूप में शुरू हुआ था. लेकिन जैसे-जैसे मुंबई भारत का व्यापारिक केंद्र बना, धारावी प्रवासियों और मजदूरों के लिए शरणस्थली बनता गया.
- आज यहां लगभग 10 लाख लोग रहते हैं, जो छोटे घरों, झोपड़ियों और अस्थायी ढांचों में अपनी ज़िंदगी गुजार रहे हैं.
- धारावी न केवल मुंबई के श्रमिक वर्ग का केंद्र है, बल्कि यहां के चमड़े के उद्योग, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग, और मिट्टी के बर्तन बनाने के व्यवसाय पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं.
- हालांकि, यह क्षेत्र हर दिन मुंबई की अर्थव्यवस्था में योगदान देता है, लेकिन इसके लोग अभी भी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
पुनर्विकास की शुरुआत: 20 साल की लंबी प्रतीक्षा
धारावी के पुनर्विकास का सपना पहली बार 2004 में देखा गया था. उद्देश्य था इसे एक सुनियोजित, आधुनिक और सुरक्षित आवासीय क्षेत्र में बदलना.
- लेकिन, यह सपना राजनीतिक अस्थिरता, वित्तीय समस्याओं, और कानूनी अड़चनों में उलझ कर रह गया.
- 2018 में, दुबई की सेकलिंक टेक्नोलॉजीज को ₹7,200 करोड़ की बोली पर परियोजना सौंपी गई, लेकिन प्रशासनिक देरी और निर्णयहीनता ने इसे भी विफल कर दिया.
- धारावी के पुनर्विकास का काम ठप हो गया था, और यहां के लोग अपनी पुरानी समस्याओं से जूझते रहे.
महायुति सरकार का निर्णायक कदम
जब महाराष्ट्र में महायुति सरकार (भाजपा और शिवसेना का गठबंधन) ने सत्ता संभाली, तो धारावी पुनर्विकास परियोजना को एक नई दिशा दी गई.
- 2022 में, पुनर्विकास के लिए नई बोली प्रक्रिया शुरू की गई.
- इस बार, प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए सख्त मापदंड तय किए गए.
- अडानी समूह ने ₹5,069 करोड़ की प्रारंभिक निवेश प्रतिबद्धता के साथ इस परियोजना को जीता.
यह परियोजना अब केवल पुनर्विकास की बात नहीं करती, बल्कि धारावी के निवासियों को बेहतर जीवन देने और इस क्षेत्र के आर्थिक केंद्र को बनाए रखने का वादा करती है.
तेजी से हो रही है प्रगति
सितंबर 2023 में, धारावी पुनर्विकास के लिए एक विशेष उद्देश्य वाहन (SPV) का गठन किया गया.
- इस SPV में राज्य सरकार और अडानी समूह दोनों के प्रतिनिधि शामिल हैं.
- मास्टर प्लान तैयार करने के लिए हफीज कॉन्ट्रैक्टर, सासाकी, और ब्यूरो हैप्पोल्ड जैसी प्रतिष्ठित डिजाइन और परामर्श कंपनियों को जोड़ा गया.
- 2024 की शुरुआत में, धारावी के घरों की पहचान के लिए एक व्यापक सर्वेक्षण शुरू हुआ, जिसमें हर घर को एक यूनिक आईडी दी गई.
47 एकड़ रेलवे भूमि का अधिग्रहण धारावी निवासियों के लिए स्थायी पुनर्वास के पहले चरण की शुरुआत के लिए किया गया.
क्या बदलेगा धारावी में?
यह परियोजना धारावी को एक सुनियोजित, आधुनिक और सुरक्षित आवासीय क्षेत्र में बदलने का वादा करती है.
- 350 वर्ग फुट के मकान पात्र निवासियों को मुफ्त में दिए जाएंगे.
- 225 वर्ग फुट के व्यावसायिक स्थान धारावी के छोटे उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए प्रदान किए जाएंगे.
- अस्पताल, स्कूल, और सार्वजनिक स्थानों जैसी सुविधाएं यहां की बड़ी आबादी के लिए बनाई जाएंगी.
- PM आवास योजना के तहत, 2000 से 2011 के बीच रहने वाले निवासियों को 300 वर्ग फुट के मकान रियायती दरों पर दिए जाएंगे.
राजनीतिक विरोध और आलोचना
परियोजना को लेकर विपक्ष ने कई सवाल उठाए हैं.
- कांग्रेस ने इसे “मोदानी परियोजना” कहते हुए अडानी समूह को भूमि आवंटन पर सवाल उठाए.
- शिवसेना (UBT) ने अपनी चुनावी घोषणाओं में परियोजना को रद्द करने और इसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र (IFSC) में बदलने का वादा किया.
- नमक के मैदानों और अन्य भूमि के उपयोग को लेकर पर्यावरणीय चिंताएं उठाई गईं.
हालांकि, सरकार का कहना है कि भूमि का हस्तांतरण केवल पुनर्वास और विकास के लिए किया गया है, न कि निजी स्वामित्व के लिए.
धारावी का भविष्य: एक नई पहचान की ओर
धारावी पुनर्विकास परियोजना केवल एक पुनर्निर्माण का कार्य नहीं है. यह लाखों लोगों को एक बेहतर जीवन का सपना साकार करने का अवसर है.
- यह परियोजना धारावी के निवासियों को सुरक्षित आवास, बेहतर जीवनशैली, और आर्थिक अवसर प्रदान करेगी.
- साथ ही, यह परियोजना मुंबई की शहरी संरचना में एक नई कहानी जोड़ने का वादा करती है.
निष्कर्ष: धारावी का कायाकल्प, एक ऐतिहासिक पहल
धारावी पुनर्विकास परियोजना न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में शहरी पुनर्विकास का एक आदर्श बन सकती है. यह परियोजना मुंबई को एक नई पहचान देने और धारावी के निवासियों को उनका हक दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.