मुंबई, 15 नवंबर . महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि विपक्षी नेताओं की कटु आलोचनाओं के बावजूद महायुति गठबंधन विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत हासिल कर एक बार फिर सरकार बनाएगी.
राज्य में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ भाजपा और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल हैं. उसका सीधा मुकाबला महा विकास अघाड़ी से है, जिसमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) और कांग्रेस मुख्य दल हैं. महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को मतदान है. नतीजों का ऐलान 23 नवंबर को किया जाएगा.
शिंदे ने के साथ विशेष साक्षात्कार में विधानसभा चुनाव समेत कई मुद्दों पर बात की.
: शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे आप पर हमला बोल रहे हैं और मतदाताओं से “विश्वासघातियों” के हाथों में सत्ता न देने की अपील कर रहे हैं. आपका क्या कहना है?
एकनाथ शिंदे : उद्धव ठाकरे कोई भी आरोप लगा लें, जनता जानती है कि पीठ में छुरा किसने घोंपा. जनता समझदार है. बाला साहेब ठाकरे के विचारों को त्याग कर 2019 में कांग्रेस के साथ कौन गया? मतदाताओं की पीठ में खंजर किसने घोंपा? मुख्यमंत्री पद के लिए किसने समझौता किया? हिंदुत्व के विचार और बालासाहेब ठाकरे की शिक्षाओं के साथ किसने विश्वासघात किया? उन्हें खुद से सवाल पूछना चाहिए.
बालासाहेब ठाकरे के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए, हमने शिवसेना के स्वाभिमान की रक्षा और महाराष्ट्र के विकास के लिए विद्रोह किया. अगर हम विद्रोह नहीं करते तो वह शिवसेना को खत्म कर देते और महाराष्ट्र को भी नुकसान होता.
: हालांकि, आप चुनाव के दौरान महायुति का नेतृत्व कर रहे हैं, लेकिन अगर महायुति सत्ता में वापस आती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा?
एकनाथ शिंदे : हमारा मुख्य उद्देश्य महायुति सरकार को सत्ता में लाना है. हमारा ध्यान विकास प्रक्रिया को गति देने पर भी है. जब महाराष्ट्र विरोधी और विकास विरोधी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने ढाई साल तक राज्य पर शासन किया, तो राज्य एक दशक पीछे चला गया था. अगर एमवीए फिर से सत्ता में आती है, तो राज्य और लोगों को भारी नुकसान होगा.
अब तक इस बात पर कोई फैसला नहीं हुआ है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा. हमें कोई जल्दबाजी नहीं है. चुनाव के बाद भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के नेता और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व एक साथ बैठकर विचार-विमर्श के बाद सीएम पद पर फैसला लेगा. हम किसी पद के लिए नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के समग्र विकास के लिए एक साथ आए हैं.
: आप फर्जी नैरेटिव फैलाकर लोकसभा में अधिक सीटें जीतने के लिए विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं, लेकिन इस चुनाव में क्या स्थिति है?
एकनाथ शिंदे : विपक्ष ने संविधान में बदलाव और आरक्षण रद्द करने जैसे फर्जी नैरेटिव फैलाकर आम चुनावों में सीटें जीतीं. एमवीए ने जातियों, धर्मों और समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ाकर दिया.
दूसरी ओर, महायुति सरकार ने किसी धर्म या जाति को लक्ष्य किए बिना सभी के विकास के लिए फैसले लिए. विभिन्न समुदायों के बीच विभाजन और तनाव पैदा करना उचित नहीं होगा क्योंकि यह सामाजिक सद्भाव के लिए अनुकूल नहीं होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश है “एक हैं तो सेफ हैं”. अगर हम एक समाज के रूप में एकजुट रहेंगे, तो हम सुरक्षित और अधिक सक्षम होंगे. हम इस सकारात्मक विचार को लोगों तक पहुंचा रहे हैं.
: एमवीए के ‘पंचसूत्र’ (पांच गारंटी) के खिलाफ महायुति ने 10 गारंटी की पेशकश की है. क्या महायुति मौजूदा वित्तीय बाधाओं को देखते हुए उन्हें पूरा कर पाएगी? क्या वे भी चुनावी जुमला नहीं हैं?
एकनाथ शिंदे : विपक्ष ने लगातार महायुति सरकार की योजनाओं की आलोचना की है और उन्हें चुनावी जुमला बताया है. विपक्ष ने हम पर महिलाओं को मुफ्त सुविधाएं देने का आरोप लगाया. हालांकि, विपक्ष ने ‘पंचसूत्र’ की घोषणा करते हुए महायुति की गारंटी को कॉपी और पेस्ट किया. अगर विपक्ष 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता को मुफ्त बता रहा है तो महालक्ष्मी योजना के तहत 3,000 रुपये का क्या मतलब है. उन्हें पहले यह स्पष्ट करना चाहिए.
सरकार ने न केवल विभिन्न योजनाओं की घोषणा की है बल्कि उन्हें लागू भी किया है. वहीं, जिन राज्यों में विपक्षी सरकारें सत्ता में हैं, वहां उनकी घोषणाएं कागजों तक ही सीमित रह गई हैं. हमारा घोषणा पत्र समावेशिता पर केंद्रित है क्योंकि हर तत्व पर विचार किया गया है. मतदाता एमवीए को वोट नहीं देंगे और कोई गलती नहीं करेंगे.
: ‘लाडली बहन योजना’ और अन्य कल्याणकारी तथा विकास योजनाओं के दम पर चुनाव जीतने को लेकर आप कितने आश्वस्त हैं, क्योंकि विपक्ष भविष्य में उनकी निरंतरता पर सवाल उठा रहा है?
एकनाथ शिंदे : राजनीतिक पर्यवेक्षकों का भी मानना है कि लाडली बहन योजना चुनावों में गेम चेंजर साबित होगी. मैं स्पष्ट कर दूं कि महिलाओं का कल्याण चुनाव तक सीमित नहीं है क्योंकि महायुति सरकार ने सत्ता में आने के बाद उन्हें समान अवसर प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं. सरकार ने मुफ्त शिक्षा, ‘लेक लाडकी योजना’, ‘लखपति दीदी’, ‘ड्रोन दीदी’ और राज्य परिवहन बसों में रियायती किराए पर यात्रा समेत कई योजनाएं लागू की हैं. लाडली बहन योजना महिलाओं को सशक्त बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा है.
महिलाओं के कल्याण के साथ-साथ सरकार ने गरीब, युवा और किसानों समेत विभिन्न वर्गों पर भी ध्यान दिया है. सरकार ने पिछली सरकार द्वारा लगाए गए स्पीड ब्रेकर हटाकर विकास की गति देने के लिए कदम उठाए, खासकर रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए.
सरकार ने समृद्धि राजमार्ग, तटीय सड़क, अटल सेतु और सड़कों को पक्की करने के लिए काम किया. शुरू की गई कई कल्याणकारी और विकास योजनाएं क्षणिक नहीं हैं, बल्कि पर्याप्त वित्तीय संसाधनों से समर्थित हैं. उन्हें नियमों और कानूनों के दायरे में योजनाबद्ध किया गया है. विरोधियों को आरोप लगाने दीजिए, हमारी कोई भी योजना बंद नहीं होगी. विपक्ष के तीखे आरोपों के बावजूद महायुति अपने ढाई साल के शासन के ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर भारी बहुमत से चुनाव जीतेगी. हमारे विकास और कल्याणकारी कार्य गेम चेंजर साबित हुए हैं.
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एकेजे/एबीएम