महाकुंभ-2025 को जीरो फायर इंसीडेंट जोन बनाने के लिए योगी सरकार की व्यापक तैयारी

प्रयागराज, 15 नवंबर . महाकुंभ-2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं. महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है. वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है. प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है. आग की घटनाओं की मॉनिटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है.

वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके. सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसीडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है.

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसीडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा. इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है. एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं. 200 स्पेशल ट्रेंड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है. वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5,000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं. यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है. ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे. यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी. सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी.

उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है. 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं. इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं. 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4,200 की जगह 7,000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा. मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1,551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2,071 कर दी गई है. इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है.

2013 में कुल 612 फायर इंसीडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थी. 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक-चौबंद प्रबंध किए, जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसीडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई. इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसीडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है. इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं. कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं, जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे.

इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है. सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है. एक्सटर्नल ऑडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है. वहीं, नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है.

एसके/एबीएम