बेरूत, 15 नवंबर . लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) ने कहा कि उसके गश्ती दल पर दो या तीन अज्ञात व्यक्तियों ने गोलीबारी की. कलाउइया गांव के पास हुए इस हमले में शांति सैनिकों पर लगभग 30 गोलियां चलाई गईं.
इससे पहले, पेट्रोलिंग पार्टी ने सड़क के पास गोला-बारूद के एक जखीरे की पहचान की थी और लेबनानी सशस्त्र बलों को इसकी सूचना दी थी. सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने यूएनआईएफआईएल के हवाले से यह जानकारी दी.
लेबनानी अधिकारियों को सूचित करने के बाद, शांति सैनिकों ने अपना फिर से आगे बढ़ना शुरू कर दिया. बाद में वे सड़क से मलबा हटाने के लिए रुके, जिस समय वे गोलीबारी की चपेट में आ गए. हालांकि वे सुरक्षित रूप से क्षेत्र से बाहर निकल गए.
बयान के अनुसार, किसी के घायल होने या वाहन को नुकसान पहुंचने की सूचना नहीं मिली.
यूएनआईएफआईएल ने जांच शुरू कर दी है कि ‘क्या हमला का गोला-बारूद के जखीरा की खोज से कोई लिंक था.’
यूएनआईएफआईएल ने इस हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 का “घोर उल्लंघन” बताया, जिसमें शांति सैनिकों की सुरक्षा का प्रावधान है.
यूएनआईएफआईएल ने लेबनानी अधिकारियों को ‘लेबनानी क्षेत्र में महत्वपूर्ण मिशनों में लगे शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने’ की उनकी जिम्मेदारी की याद दिलाई और ‘अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए गहन जांच’ की अपील की.
शांति सेना ने बढ़ते जोखिम के बावजूद अपनी पोजिशन पर बने रहने और प्रस्ताव 1701 के उल्लंघन की निगरानी जारी रखने की बात कही है.
यह घटना इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई है. 23 सितंबर से इजरायल ने लेबनान पर इजरायली हवाई हमले और अक्टूबर की शुरुआत में उत्तरी सीमा पर जमीनी अभियान किया है.
शांति सेना मिशन ने पहले इजरायली बलों पर अपने ठिकानों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है, जिससे इजरायल की अंतरराष्ट्रीय आलोचना हुई है.
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