धनबाद, 13 नवंबर . केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत एक नई पहल की शुरुआत की गई है. इस पहल से मरीजों को इलाज के दौरान पर्ची कटवाने की लंबी लाइन से राहत मिलेगी. इलाज कराने के लिए अस्पताल आने वाले मरीजों को बार-बार पर्ची बनाने की आवश्यकता नहीं होगी. आभा कार्ड के जरिए मरीजों की पूरी मेडिकल हिस्ट्री को डिजिटल रूप में देखा जा सकेगा, जो इलाज के दौरान चिकित्सकों के लिए काफी सहायक साबित होगा.
झारखंड के धनबाद जिला के शहीद निर्मल महतो चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के कर्मचारी चंदन कुमार ने बताया कि यह भारत सरकार की एक योजना है, जिसके तहत मरीजों को अब अस्पतालों में लंबी कतारों में खड़े होकर पर्ची बनवाने की आवश्यकता नहीं होगी. यह योजना आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत आती है. इसका उद्देश्य मरीजों को डिजिटल माध्यम से इलाज की सुविधाएं प्रदान करना है. अब मरीज अपने फोन में एक ऐप इंस्टॉल करके अपनी आईडी बना सकते हैं, जिससे वह फास्ट ट्रैक ओपीडी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इस प्रक्रिया में हर बार रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी. एक बार मोबाइल में लॉगिन करने के बाद, और ऐप से अपनी आईडी बनाने के बाद, मरीज केवल बारकोड स्कैन करके अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
चंदन कुमार ने आगे कहा कि आप देख सकते हैं कि पूरा काउंटर खाली है. इस सिस्टम से एक ही ऐप के माध्यम से पूरा परिवार रजिस्ट्रेशन करवा सकता है और इलाज करा सकता है. यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी और इससे काफी लोगों को सुविधा मिल रही है. उन्होंने यह भी बताया कि इस डिजिटल प्रणाली के कारण मरीजों को त्वरित सेवा मिल रही है. यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल होने के कारण बहुत अधिक सुविधाजनक है.
अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों और उनके परिजनों ने को बताया कि पहले हमें इलाज कराने के लिए पर्ची कटाने के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ता था, लेकिन अब हमें इससे राहत मिली है. मरीजों का कहना है कि इससे समय की बचत होती है, लोगों ने इस कदम के लिए केंद्र की मोदी सरकार का धन्यवाद दिया.
दरअसल, केंद्र सरकार की इस योजना के अंतर्गत आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (आभा) का डिजिटल कार्ड, जिसे आभा कार्ड भी कहा जा रहा है, मरीजों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है. अब मरीजों को इलाज के लिए अस्पतालों में लंबी कतार में खड़ा होकर पर्ची कटवाने की जरूरत नहीं होगी. आभा कार्ड के जरिए मरीज की पूरी चिकित्सा जानकारी डिजिटल रूप से अस्पतालों के सिस्टम में पहुंच जाएगी.
आभा कार्ड एक 14 अंकों का डिजिटल पहचान पत्र होगा, जो मरीज के आधार कार्ड से लिंक होगा. इस कार्ड में मरीज के इलाज की जानकारी, बीमारी का इतिहास, पूर्व उपचार और अन्य महत्वपूर्ण मेडिकल डेटा को सुरक्षित रूप से रखा जाएगा. जब मरीज किसी अस्पताल में इलाज के लिए जाएगा तो उसे बस आभा कार्ड लेकर जाना होगा. चिकित्सक कार्ड को सिस्टम में डालकर मरीज की पूरी मेडिकल हिस्ट्री देख सकेंगे, जिससे इलाज और अधिक सटीक एवं प्रभावी हो सकेगा.
इस योजना के तहत हर व्यक्ति को निशुल्क आभा कार्ड प्रदान किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह कार्ड अस्पतालों में बनाए जा रहे हैं और मरीजों को आसानी से इसका लाभ मिलेगा. अस्पतालों में यह कार्ड बनाने की प्रक्रिया आसान और तेज होगी, जिससे मरीजों को कोई अतिरिक्त परेशानी नहीं होगी. इस कार्ड से न सिर्फ मरीजों के इलाज में सहूलियत होगी, बल्कि चिकित्सकों के लिए भी यह एक प्रभावी उपकरण साबित होगा, क्योंकि उन्हें मरीज के पुराने इलाज और बीमारियों के बारे में तुरंत जानकारी मिल सकेगी. इस कदम से इलाज की गुणवत्ता में सुधार होगा और चिकित्सकों को बेहतर फैसले लेने में मदद मिलेगी.
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पीएसके/एबीएम