लखनऊ, 13 नवंबर . यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए कई बड़े और महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में पर्यटकों की संख्या बढ़ाना, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और रोजगार के अवसरों में इजाफा करना है.
योगी सरकार का मानना है कि पर्यटन सेक्टर में किए जा रहे प्रयासों से प्रदेश को देश के अग्रणी पर्यटन गंतव्य स्थलों में से एक बनाने की दिशा में मजबूती मिलेगी. साथ ही प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को विश्व स्तर पर पहचान मिलेगी. योगी सरकार का सर्वाधिक फोकस पर्यटकों के ठहरने संबंधी समस्याओं का समाधान करने को लेकर है.
योगी सरकार का विशेष जोर प्रदेश में पर्यटकों के ठहरने की सुविधाओं को बेहतर बनाने पर है. राज्य में होटलों की कमी को देखते हुए सरकार ने नए होटलों के निर्माण के लिए नियमों को और अधिक अनुकूल बनाया है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश में प्रति लाख जनसंख्या पर होटलों के 30 कमरे हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत लगभग 180 कमरे प्रति लाख है. इस अंतर को पाटने के लिए योगी सरकार ने होटलों के निर्माण के लिए नई नीतियों को मंजूरी दी है. इसके तहत राज्य के आवास विकास विभाग ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं, जिससे निवेशकों को प्रोत्साहन मिलेगा और राज्य में होटल निर्माण को बढ़ावा मिलेगा. नए होटलों की स्थापना से न केवल पर्यटकों के ठहरने की समस्या का समाधान होगा बल्कि स्थानीय व्यापारियों और छोटे उद्यमियों को भी फायदा पहुंचेगा.
पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में काफी सुधार देखा गया है. 2020-21 से 2023-24 के बीच पर्यटन सेक्टर में 44.9% की वृद्धि दर्ज की गई है. इस बढ़ती हुई प्रवृत्ति को देखते हुए, योगी सरकार ने 2023-24 से 2024-25 तक इसमें और 19.2% की वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए राज्य सरकार ने कई पर्यटन स्थलों के विकास पर जोर दिया है, जिससे राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान मिलेगी.
प्रदेश के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए योगी सरकार ने व्यापक योजनाएं तैयार की हैं. नैमिषारण्य और प्रयागराज जैसे प्रसिद्ध स्थलों के लिए पर्यटन मास्टर प्लान तैयार किया गया है. इन योजनाओं के तहत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को स्वीकृति दी गई है और परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न एजेंसियों के चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.
इसके अलावा, प्रदेश के अन्य छह प्रमुख पर्यटन सर्किट्स के विकास के लिए भी कार्य योजनाएं बनाई जा रही हैं. इन सर्किट्स की संरचना और सुविधाओं में सुधार लाने के लिए सरकार ने गैप एनालिसिस के लिए विशेषज्ञ एजेंसियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की है. इन प्रयासों का उद्देश्य पर्यटकों के अनुभव को और बेहतर बनाना है, जिससे वे बार-बार उत्तर प्रदेश की यात्रा के लिए प्रेरित हों.
योगी सरकार के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के इन प्रयासों से न केवल राज्य में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा, बल्कि इससे स्थानीय लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे. नई होटल परियोजनाओं, पर्यटन स्थलों के विकास और अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. इसके साथ ही स्थानीय हस्तशिल्प, खाद्य उत्पाद और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा.
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एसके/एबीएम