चंडीगढ़, 13 नवंबर . हरियाणा के लिए चंडीगढ़ में नए विधानसभा भवन के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो चुका है.
चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब की संयुक्त राजधानी है, लेकिन इसका खुद का अस्तित्व केंद्र शासित प्रदेश के रूप में हैं. ऐसे में विधानसभा भवन के निर्माण को लिए प्रस्ताव की फाइल केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के पास अटकी हुई थी.
पिछले कुछ दिनों से इसमें कुछ संवेदनशील जोन को लेकर रुकावटें पैदा हो रही थीं, जो अब दूर हो चुकी हैं.
हरियाणा के लिए नए विधानसभा निर्माण के लिए सबसे पहले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने प्रयास शुरू किए थे. चंडीगढ़ प्रशासन ने इसके लिए जमीन देने के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी थी. लेकिन, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की मंजूरी को लेकर बात अटकी हुई थी.
इसके बाद हरियाणा सरकार ने प्रस्ताव में कुछ बदलाव के साथ इसे नए सिरे से केंद्र सरकार के पास भेजा था. इस पर अब केंद्र सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है.
प्रशासन के मुताबिक, जो जमीन हरियाणा की ओर से पंचकूला एरिया की मिली है, वह चंडीगढ़ के आईटी पार्क के 123 एकड़ जमीन के साथ लगती है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा की नई बिल्डिंग के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
विधानसभा की नई इमारत के लिए चंडीगढ़ की ओर से रेलवे स्टेशन से आईटी पार्क को जाने वाली सड़क के पास 10 एकड़ जमीन दी जा रही है.
मनसा देवी कांप्लेक्स के पास 12 एकड़ जमीन है, जो पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील जोन में आती है.
केंद्र सरकार की मंजूरी के साथ ही नए विधानसभा भवन के निर्माण की सभी रुकावटें दूर हो चुकी हैं. अब प्रशासन को आसानी से यह जमीन ट्रांसफर की जा सकती है.
हरियाणा सरकार पहले जमीन के लिए 550 करोड़ रुपये देने के लिए तैयार थी.
अधिसूचना जारी होने पर पूर्व विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है.
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एसएचके/एकेजे