नई दिल्ली, 13 नवंबर . भारत आने वाले वर्षों में चीन की तरह ही इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का एक बड़ा उत्पादक बनकर उभरेगा. यह बयान दिग्गज वैश्विक निवेशक मार्क मोबियस ने दिया है.
‘पीएम ई-ड्राइव स्कीम’ के कारण ईवी बिक्री में तेज उछाल दर्ज किया गया है, जो दिखाता है कि ईवी को लोग तेजी से अपना रहे हैं.
सरकार की ‘इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम’ (ईएमपीएस) और ‘पीएम ई-ड्राइव’ जैसी योजनाओं के साथ भारत में दोपहिया ईवी वाहनों की बिक्री 2024-25 में बढ़कर 5,71,411 यूनिट्स हो गई है.
इस अवधि के दौरान इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों की बिक्री बढ़कर 1,164 यूनिट्स हो गई है. एल-5 कैटेगरी के इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों की बिक्री बढ़कर 71, 501 यूनिट्स रही.
मोबियस ने न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए कहा कि भारत जल्द ईवी का एक बड़ा उत्पादक बनने जा रहा है.
मोबियस ने विस्तार से आगे कहा कि भारत की शुरुआत छोटे ईवी से हुई. लेकिन, अंततः यह इलेक्ट्रिक वाहनों का एक प्रमुख उत्पादक बन जाएगा. घरेलू बाजार इतना बड़ा है, इसलिए भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्यात नहीं करना पड़ता है. भारत स्थानीय बाजार में आपूर्ति करने के लिए आसानी से बड़ी संख्या में उत्पादन कर सकता है.
भारत की ईवी यात्रा चीन के जैसी ही होने वाली है, जो फिलहाल दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों का एक बड़ा खिलाड़ी है. ऐसा संभव हो सकता है, क्योंकि भारत के पास एक बड़ा बाजार है.
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 10,900 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ अनुमोदित, ‘पीएम ई-ड्राइव योजना’ 1 अक्टूबर से 31 मार्च, 2026 तक के लिए लागू की गई है.
इसका मुख्य उद्देश्य ईवी खरीद के लिए अग्रिम प्रोत्साहन की पेशकश और चार्जिंग बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित करके इलेक्ट्रिक वाहनों के ट्रांजिशन को तेज करना है.
न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की एक ताकत विभिन्न संस्कृतियों का होना है. आपके पास अलग-अलग राज्य, अलग-अलग भाषाएं और अलग-अलग परंपराएं हैं और यह रचनात्मकता का एक बड़ा स्रोत है जो कई लोगों को नए उद्योग, नए विचार और नए आविष्कार करने के लिए सशक्त बनाएगा.
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एबीएस/एबीएम