कोलकाता, 9 नवंबर . पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के बहुचर्चित आर.जी. कर मामले के शनिवार को 90 दिन पूरे होने पर जूनियर डॉक्टरों ने शहर की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया. राज्य में सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने इस आंदोलन पर कई आरोप लगाए हैं.
घोष ने से बात करते हुए कहा, “यह कोई बड़ी रैली नहीं है, एक हजार लोग भी वहां नहीं आए हैं. जूनियर डॉक्टरों के दो कार्यक्रम चल रहे हैं, एक है रैली और दूसरा है ‘सिटिजन्स कॉन्क्लेव’ (मांस कन्वेंशन). दोनों कार्यक्रम अलग-अलग चल रहे हैं. रैली में लगभग 1000 से अधिक लोग शामिल नहीं हैं, और पूरी तरह से यह एक लेफ्ट समूह का आयोजन है. इसमें लोगों को गुमराह किया जा रहा है. इन लोगों ने जो न्याय की प्रक्रिया शुरू की है, उसे सही तरीके से नहीं बताया. कोलकाता पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर गिरफ्तारी कर ली थी, और फिर मुख्य चार्जशीट तैयार कर दी. आरोप तय हो गए हैं और अब सोमवार से मुकदमा शुरू हो जाएगा. ये लोग कह रहे हैं कि न्याय कब मिलेगा, जबकि पूरी न्यायिक प्रक्रिया अब चालू है और सुप्रीम कोर्ट इसे मॉनिटर कर रहा है.”
उन्होंने आगे कहा, “इस आंदोलन में जो एक अल्ट्रा-लेफ्ट की ताकत है, वह अपनी राजनीति कर रही है. इन लोगों ने ‘अभया’ के नाम पर जो फंड इकट्ठा किया था, उसे दिखाने के लिए इस तरह का नाटक किया जा रहा है.”
राज्य के मथुरापुर जिले में बीजेपी नेता की गोली मारकर हत्या के मामले में उन्होंने कहा, “यह घटना भाजपा पार्टी ऑफिस के अंदर हुई है. भाजपा पार्टी ऑफिस के अंदर से लाश की बरामदगी हुई है. दूसरी किसी पार्टी पर कैसे आरोप लगाए जा सकते हैं? भाजपा के पार्टी ऑफिस में भाजपा नेता की मौत कैसे हुए, इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए.”
–
पीएसएम/एकेजे