अजमेर, 9 नवंबर . राजस्थान के पुष्कर में शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेला शुरू हो गया . इस मेले के तहत मेला मैदान की दीवारों पर आयोजित मांडना प्रतियोगिता ने विशेष आकर्षण हासिल किया. इस प्रतियोगिता में देसी और विदेशी सैलानियों ने भाग लिया और दीवारों पर गाय के गोबर से मांडने बनाए. राजस्थान की पारंपरिक कला शैली का यह आयोजन स्थानीय के साथ विदेशी महिलाओं के लिए भी एक नया अनुभव था.
जर्मनी से आई एना ने बताया कि यह उनकी पुष्कर मेले में दूसरी बार भागीदारी है. उन्होंने दीवारों पर मांडने बनाए और कहा कि उन्हें यहां की संस्कृति बेहद आकर्षक लगी. वहीं, फ्रांस से आई पर्यटक बॉर्श ने बताया कि यह उनका पुष्कर मेले में पहला अनुभव है. उन्होंने दीवारों पर मांडने बनाए, जो उन्हें बहुत अच्छा लगा.
लोक कला संस्थान के संजय सेठी ने कहा कि इस प्रतियोगिता में स्थानीय महिलाओं के साथ विदेशी महिलाओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया. उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता के दौरान विदेशी महिलाएं भी मांडना कला में रुचि दिखा रही थीं, और इस अनुभव से उन्हें राजस्थान की संस्कृति को करीब से जानने का अवसर मिला.
फ्रांस की अन्य पर्यटक ब्रोश ने से बात करते हुए बताया, “हम भारतीय कला को जानना चाहते थे और भारतीय संस्कृति का अनुभव करना चाहते थे. इसलिए हम पुष्कर आए हैं. हम यहां बहुत खुश हैं, हमें यह बिल्कुल पसंद आया. हमारे पास बस एक पेन है, कुछ रंग हैं, थोड़ा पानी है, और फिर हमने इंटरनेट पर कुछ प्रेरणा ली क्योंकि हमें असली भारतीय मांडना बनाना नहीं आता था. हम खुद को शुरुआत करने वाले मानते हैं, लेकिन हमें लगता है कि यह एक असली भारतीय जैसा ही है. इसलिए हम इस प्रतियोगिता का हिस्सा बनकर बहुत खुश हैं.”
उन्होंने आगे कहा, हम कल ही पुष्कर पहुंचे हैं, लेकिन यह शहर बहुत सुंदर है. हमें यहां की ऊर्जा बहुत पसंद आई. हम सच में यहां की पवित्रता को महसूस कर रहे हैं. आज सुबह, हम सूर्योदय देखने के लिए गेट गए, और यह बहुत अद्भुत था, सभी लोग झील में स्नान कर रहे थे. वह पवित्र वातावरण और शांतिपूर्ण माहौल बहुत ही सुंदर था. फिर, मेला भी बहुत अच्छा है. यहां की गतिविधियां देखना बहुत मजेदार है.”
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पीएसएम/एबीएम