बिहार की जनता हथकड़ी की राजनीति नहीं, कलम की राजनीति चाहती है : नीरज कुमार

पटना, 9 नवंबर . महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोरों पर है. इस बीच, जदयू नेता नीरज कुमार ने विधानसभा चुनाव को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव के बयान पर शनिवार को प्रतिक्रिया दी.

जदयू नेता नीरज कुमार ने से खास बातचीत में कहा, “चुनाव में जीत का दावा तो हर राजनीतिक दल करता है और स्वाभाविक रूप से तेजस्वी यादव लंबे अरसे के बाद बिहार की राजनीति में सक्रिय हुए हैं. वह तो विदेश से ही आंदोलन कर रहे थे और स्मार्ट मीटर उखाड़ रहे थे. इन्होंने जो काम किया है, उनका राजनीति का पाप बोल रहा है.”

नीरज ने झारखंड के कोडरमा से राजद प्रत्याशी सुभाष यादव की हथकड़ी लगी हुई तस्वीर दिखाते हुए पूछा कि यह कौन व्यक्ति है, जिसके हाथ में हथकड़ी लगी हुई है. वह पहले यह बताएं कि क्या सुभाष यादव संविधान बचाने के लिए जेल में हैं या फिर ईडी के मामले में जेल में हैं? क्यों कोडरमा से इनको प्रत्याशी बनाया है? वह इस शख्स के लिए चुनाव में प्रचार कर रहे हैं. बिहार की जनते जानती है कि अगर गलती से ऐसे लोगों को ताकत मिल गई तो राजनीति में फिर से तेल पिलावन का दौर आ जाएगा. लेकिन, हमें लाठी में तेल पिलावन और हथकड़ी की राजनीति नहीं चाहिए, कलम की राजनीति चाहिए, जो नीतीश कुमार के नेतृत्व में मिलेगी.

उन्होंने तेजस्वी यादव के जन्मदिन पर पटना में लगाए गए भावी मुख्यमंत्री वाले पोस्टर पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “यह तो दुर्भाग्य है कि 35 साल के हो गए और जनता को बताया जा रहा है कि हम 35 साल के हो गए हैं. वह 35 साल के हो गए और उन्होंने 35 संपत्ति बनाई है, यह महत्वपूर्ण होता है.”

नीरज कुमार ने आगे कहा कि तेजस्वी यादव की मां जब बिहार की मुख्यमंत्री थीं तो छठ के बारे में वह कहती थीं कि गंगा में लोग कूड़ा-कचरा डालते हैं. छठ व्रतियों के प्रति सम्मान का भाव नहीं होता था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छठ व्रत को एक ऐसा स्वरूप दिया है कि बिहार में छठ घाटों की श्रृंखला बन जाती है. पटना तो छठ घाटों का शहर बन जाता है.

उन्होंने आगे कहा, “(भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष) जे.पी. नड्डा बिहार आए और उनकी सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात हुई. इसके बाद उन्होंने छठ व्रतियों का आशीर्वाद लिया. हालांकि, इस दौरान उनके बीच क्या बात हुई है, इसकी जानकारी तो उनको ही होगी.”

एफएम/एकेजे