बिहार : इमामगंज उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी मांझी की बहू दीपा की ‘नाव’

गया, 9 नवंबर . बिहार में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. इनमें सबसे दिलचस्प मुकाबला इमामगंज विधानसभा सीट पर देखने को मिल रहा है, जहां केंद्रीय मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पुत्रवधू दीपा मांझी चुनावी समर में उतरी हैं.  

इमामगंज से पिछले विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी खुद चुनाव लड़े और विजयी हुए, लेकिन लोकसभा चुनाव में उनके विजयी हो जाने के बाद यह सीट खाली हो गई. इस उपचुनाव मे उन्होंने अपनी बहू दीपा मांझी को चुनावी मैदान में उतार दिया. उनके सामने राजद के रौशन मांझी और जन सुराज के जितेंद्र कुमार हैं. ऐसे में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.

इमामगंज विधानसभा के अंदर बांके बाजार और डुमरिया प्रखंड क्षेत्र आते हैं, जिनकी पहचान कभी नक्सल प्रभावित इलाके के तौर पर होती है. राजद प्रत्याशी रौशन मांझी पहले भी इस क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं और इस चुनाव में औरंगाबाद सांसद अभय कुशवाहा का उनको भरपूर साथ मिल रहा है. इमामगंज औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र में आता है. उधर, जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ता कड़ी मेहनत कर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं. जन सुराज के प्रत्याशी जितेंद्र कुमार ग्रामीण चिकित्सक हैं, उनकी अपनी पहचान है. इस पार्टी की नजर ग्रामीण इलाकों पर टिकी है और इसके कार्यकर्ता घर-घर पहुंच रहे हैं.

इस इलाके के जातीय समीकरण के अनुसार मांझी समाज और कोइरी समाज जिस प्रत्याशी को वोट देगा, उसकी जीत तय मानी जाती है. बताया जाता है कि इलाके में मांझी समाज का वोट सबसे अधिक है, जबकि दूसरे नंबर पर कोइरी समाज का स्थान है. यहां यादव मतदाता भी चुनावी परिणाम को प्रभावित करते रहे हैं. ऐसे में मांझी समाज से ही आने वाले राजद के प्रत्याशी भी कड़ी टक्‍कर दे रहे हैं. जन सुराज के प्रत्याशी पासवान समाज से आते हैं.

जानकारों का कहना है कि अगर मांझी समाज के वोटों का बिखराव हुआ और यादव और पासवान जाति के मतदाता एकजुट रहे तो चुनाव परिणाम चौंकाने वाला हो सकता है. मुस्लिम समाज के मतदाताओं पर भी प्रत्याशियों की नजर है. सभी पार्टियां चुनावी रण में अपनी पूरी ताकत लगाए हुए हैं. इस क्षेत्र के मतदाता 13 नवंबर को मतदान करेंगे.

एमएनपी/