समस्तीपुर : बूढ़ी गंडक पुल पर बनेगी छह फीट ऊंचे स्टील की ‘दीवार’, एक साल में 12 से अधिक लोग कूद कर दे चुके हैं जान

समस्तीपुर, 9 नवंबर . बिहार के समस्तीपुर के बूढ़ी गंडक नदी के ऊपर बना पुल सुसाइड प्वॉइंट बन चुका है. इस पुल से इस साल 12 से अधिक लोग कूदकर आत्महत्या कर चुके हैं. अब पुल के सौंदर्यीकरण के दौरान यहां पर छह फीट ऊंचा स्टील गाटर लगाने की योजना बनाई जा रही है.

समस्तीपुर के बूढ़ी गंडक नदी पर बने पुल का सौंदर्यीकरण होगा. इस दौरान मगरदही की ओर से मथुरापुर तक स्टील के गाटर की बेरिकेडिंग की जाएगी, जिससे यह पूरी तरह पैक हो जाएगा और आत्महत्या की घटनाएं कम होगी. इसके अलावा पुल पर रोशनी की भी व्यापक व्यवस्था होगी, जो सुरक्षा के साथ सुंदरता के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होगा.

इस खास प्रोजेक्ट को लेकर नगर आयुक्त केडी प्रज्जवल ने से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि इस पुल के दोनों ओर मगरदही की ओर से लेकर मथुरापुर तक छह फीट ऊंचा स्टील का गाटर लगाया जाएगा. जिसका डिजाइन तैयार है. इस डिजाइनिंग के कारण पुल की सुंदरता तो बढ़ेगी ही, इसके साथ ही कोई भी लोग पुल से सीधा नदी में कूद नहीं पाएंगे और बूढ़ी गंडक नदी से कूद कर जान देने की घटना पर रोक लगेगी.

उन्होंने बताया कि स्टील का गाटर लग जाने से सुरक्षा के साथ-साथ गंदगी भी कम फैलेगी. बीच पुल से प्रतिमा विसर्जन के साथ ही कूड़ा कचरा फेंकने की समस्या का भी समाधान होगा, जिससे नदी प्रदूषित होने से बचेगी. इसके लिए स्टील की बैरिकेडिंग के साथ लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है.

बता दें कि यह पुल समस्तीपुर का सुसाइड प्वाइंट बन चुका है. इस वर्ष अब तक इस पुल से 12 से अधिक लोग कूद कर जान दे चुके हैं, जिसमें 8 महिलाएं भी शामिल हैं. वहीं बीच पुल पर से ही लोग प्रतिमा और कूड़े कचरे का विसर्जन नदी में कर देते हैं जिससे नदी दूषित हो रही है.

नगर आयुक्त केडी प्रज्जवल ने बताया कि बूढ़ी गंडक नदी के पुल पर हमेशा जाम लगा रहता है. जाम की समस्या से निजात के लिए वहां लगे स्थाई अतिक्रमण को हटाया जा रहा है. भगत सिंह स्मारक स्थल के पास आगे विश्वकर्मा मंदिर की ओर गोलंबर का निर्माण कराया जाएगा. जिससे खूबसूरती तो बढ़ेगी ही साथ ही जाम की समस्या का समाधान भी हो जाएगा.

उन्होंने बताया इस पुल से रोजाना 12-15 हजार छोटे-बड़े वाहनों की आवाजाही होती है. दरभंगा जाने के लिए यह मुख्य मार्ग हैं. जिससे इस पुल पर हमेशा जाम लगा रहता है. इससे पैदल पुल पार करने वालों को भी परेशानी होती है.

एससीएच/केआर