संभल, 7 नवंबर . उत्तर प्रदेश के संभल जिले में कल्कि धाम महोत्सव का शुभारंभ हो गया है. आज देर शाम महंत आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज और प्रख्यात कवि कुमार विश्वास पहुंचे और कल्कि धाम में भगवान का आशीर्वाद लिया. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उनका स्वागत किया.
कल्कि धाम में कुमार विश्वास ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि भगवान का प्रकटीकरण जहां होना है यह वो पुण्य स्थली है. मैं महाराज जी के संकल्प के प्रति बड़ा मोहित हूं. इन्होंने इतना बड़ा संकल्प लिया है. एक स्वयं के पुरुषार्थ से इकट्ठा किया हुआ सब समस्त इन्होंने यहां लगाया है.
कुमार विश्वास ने पूरे लोगों अपील करता हूं कि जैसे एक साधारण मेहमान के आने के लिए हम घर में अपने साफ सफाई करते हैं और अगरबत्ती जला देते हैं. यहां तो त्रिलोक के स्वयं स्वामी आने वाले हैं, तो इस क्षेत्र को तो इतना पवित्र और इतना दिव्या इतना अद्भुत बनना चाहिए ताकि जब भगवान यहां उतरे तो हम मनुष्यों की छोटी सी चेष्टा को देखकर आत्म भाव से आशीर्वाद दे सकें. इसके अलावा उन्होंने कनाडा में हिंदुओं के मंदिरों पर हो रहे हमलों की निंदा भी की. मंदिरों पर हमले दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
कल्कि धाम पहुंचे महंत आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने से बातचीत के दौरान कहा कि भारतीय संस्कृति की मृत्युंजय संस्कृति है. यह संस्कृति तभी ही है जब से मानवीय सभ्यता है.
धरती, अंबर, जल, अग्नि, वायु, निहारिका नक्षत्र हैं, तभी से अवतारों की अवधारणाएं है. सभी अवधारणाएं सत्य सिद्ध हुई हैं. इन अवतारों में भगवान कल्कि आएंगे. उनके आगमन की तैयारी हो रही है. पूरा विश्व अशांत है, भयभीत है, असुरक्षित है और आतंकित है. ऐसे में पूरा संसार भारत की ओर देख रहा है. पूरे विश्व को भारत से शांति समाधान जाता रहा है. आज भी भारत के विचार, यहां संवेदनाएं, संस्कार, परंपराएं ये सभी विश्व का समाधान करेंगे. आने वाले दिनों में कल्कि धाम पूरे विश्व का मार्गदर्शन करेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्कि धाम आकर यह संदेश दिया कि वर्तमान में कल्कि धाम से समाधान मूलक, व्यवस्था मूलक, यहां से नीतियां जाएंगी, विचार जाएंगे और उन सिद्धांतों की रक्षा होगी जो सनातन सिद्धांत हैं. कल्कि पीठाधीश्वर को मैं बधाई और शुभकामनाएं देता हूं कि वे हमारा एक तरह से भविष्य हैं. उन्होंने कुमार विश्वास को सरस्वती का वरद पुत्र बताया और उन्हें और आचार्य प्रमोद कृष्णम बधाई दी.
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एफजेड/