महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में अब कुछ ही दिन बाकी हैं और भाजपा, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महागठबंधन, महायुति ने अपना चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया है. इस घोषणापत्र को “काम हो गया, अब अगली तैयारी” टैगलाइन के साथ पेश किया गया है और इसमें हर वर्ग के लिए कुछ खास वादे किए गए हैं. इस घोषणापत्र में महिलाओं, किसानों, बुजुर्गों और युवाओं के हितों का विशेष ध्यान रखा गया है. महायुति ने चुनावी जीत के बाद राज्य में बदलाव लाने का सपना दिखाते हुए महाराष्ट्र के विकास का विस्तृत खाका खींचा है.
महिलाओं के लिए ‘लड़की बहिन योजना’ का विस्तार
महाराष्ट्र की महिलाओं के लिए विशेष तौर पर तैयार की गई लड़की बहिन योजना को और भी मजबूत बनाते हुए महायुति ने इसे आगे बढ़ाने का वादा किया है. इस योजना के तहत अब तक राज्य की पात्र महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह की राशि दी जा रही थी, जिसे अब बढ़ाकर 2100 रुपये कर दिया गया है.
इस योजना को शुरू हुए कुछ ही महीने हुए हैं, लेकिन इसका प्रभाव ऐसा रहा कि राज्यभर से ढाई करोड़ महिलाओं ने इसमें रजिस्ट्रेशन कराया है. अब तक सरकार ने तीन किश्तों का भुगतान कर दिया है और चौथी किश्त का भुगतान चुनाव के बाद किया जाएगा. इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय मजबूती प्रदान करना और समाज में उनकी स्थिति को सुदृढ़ करना है.
महिला सुरक्षा और रोजगार के लिए नई पहल
महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ उनकी सुरक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में भी महायुति ने ठोस कदम उठाने का वादा किया है. इस घोषणापत्र में पुलिस फोर्स में 25,000 महिलाओं की भर्ती का भी ऐलान किया गया है. इस भर्ती का मकसद न केवल महिला सुरक्षा को मजबूत बनाना है, बल्कि राज्य की युवा महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर भी प्रदान करना है.
किसान सम्मान योजना: किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास
महायुति के इस घोषणापत्र में किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और उनकी आय बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. किसान सम्मान योजना के तहत अब किसानों को हर साल मिलने वाली राशि को 12,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया जाएगा.
कृषि को अधिक लाभकारी और टिकाऊ बनाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 20% की सब्सिडी का प्रावधान भी इस घोषणापत्र में किया गया है. इसका उद्देश्य किसानों को उनके फसलों के लिए उचित कीमत दिलाना और उन्हें कर्ज के बोझ से मुक्ति दिलाना है. इसके साथ ही, किसानों के कर्ज माफ करने का भी वादा किया गया है ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके.
आंगनवाड़ी और आशा सेवकों का सम्मान: वेतन और बीमा कवरेज में बढ़ोतरी
महायुति के घोषणापत्र में राज्य के जमीनी स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं. आंगनवाड़ी और आशा सेवकों का वेतन बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह करने और उन्हें बीमा कवरेज देने का वादा किया गया है. यह कदम इन कर्मचारियों के जीवन स्तर को सुधारने और उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम पहल साबित होगी.
ग्रामीण विकास और बुनियादी ढांचे में सुधार
महायुति के घोषणापत्र में महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों के विकास और उन्हें बेहतर कनेक्टिविटी देने का वादा किया गया है. इसके तहत 45,000 गांवों में पक्की सड़कों का निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है. इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों को शहरी केंद्रों से जोड़ना और इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास को गति देना है.
इसके अलावा, महायुति ने बिजली के बिल में 30% की कटौती करने का भी वादा किया है. यह कटौती सौर और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग से संभव होगी.
युवाओं के लिए 25 लाख रोजगार और उद्योग में सुधार
युवाओं को ध्यान में रखते हुए महायुति ने 25 लाख रोजगार सृजित करने का भी वादा किया है. यह रोजगार विभिन्न क्षेत्रों में नए उद्योगों, स्टार्टअप्स और सरकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदान किए जाएंगे. इसके अलावा, स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने और राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए विभिन्न नीतियों का भी वादा किया गया है.
‘विजन महाराष्ट्र @ 2029’ का महत्वाकांक्षी सपना
महायुति ने 2029 तक महाराष्ट्र को एक सशक्त और समृद्ध राज्य बनाने के लिए एक दूरगामी योजना बनाई है, जिसे ‘विजन महाराष्ट्र @ 2029’ का नाम दिया गया है. इसके तहत राज्य के सतत विकास, आर्थिक उन्नति और सामाजिक कल्याण पर जोर दिया गया है. महायुति का कहना है कि सत्ता में आने के पहले 100 दिनों के भीतर वे इस विजन के तहत योजनाओं को लागू करना शुरू कर देंगे.
इस विजन के तहत राज्य में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं भी शामिल हैं, जैसे कि अटल सेतु, समृद्धि राजमार्ग, और मुंबई, पुणे और नागपुर में मेट्रो परियोजनाएं. इन परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और इसके आर्थिक विकास को गति देना है.
घोषणापत्र के राजनीतिक प्रभाव और जनता की प्रतिक्रियाएं
महायुति का यह घोषणापत्र महाराष्ट्र के चुनावी मैदान में एक अहम दस्तावेज बन गया है. महिला सशक्तिकरण, किसान कल्याण, रोजगार और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर ध्यान देते हुए महायुति ने जनता का विश्वास जीतने की कोशिश की है.
महाराष्ट्र की जनता और राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि महायुति का यह घोषणापत्र राज्य के विकास को एक नई दिशा दे सकता है. अब देखना होगा कि क्या जनता इन वादों पर विश्वास करती है और इस चुनाव में महायुति को समर्थन देती है.