मुंबई, 6 नवंबर . अभिनेता गुरमीत चौधरी ने लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त किया है और कहा है कि इस साल उनकी आवाज के बिना छठ पूजा का माहौल अटपटा लगेगा.
बिहार के भागलपुर स्थित जयरामपुर गांव में जन्मे गुरमीत ने सिन्हा के गीतों से जुड़ी अपनी यादें ताजा की हैं.
अभिनेता ने बताया: “मैं बचपन से ही शारदा सिन्हा के गाने सुनता आ रहा हूं. उनके संगीत से मेरी बहुत सारी यादें जुड़ी हैं, खासकर छठ पूजा के दौरान. उनकी मधुर आवाज इस त्यौहार को एक अलग रूप देने का काम करती है जो उत्सव की भक्ति और भावना को दर्शाता है.
इस साल, उनकी आवाज के बिना छठ पूजा का माहौल पहले जैसा नहीं लगेगा. शारदा सिन्हा के गीत हमेशा से हमारे उत्सवों का अहम हिस्सा रहे हैं और उनकी कमी वाकई खलेगी.
अभिनेता मनोज बाजपेयी ने भी अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर दिवंगत गायिका के लिए एक विदाई पोस्ट साझा की है. उन्होंने लिखा, भोजपुरी और लोक संगीत की एक सच्ची लीजेंड शारदा सिन्हा को विदाई, जिनकी आवाज ने बिहार की समृद्ध परंपराओं का जश्न मनाया.
उन्होंने गायिका की तस्वीर के साथ लिखा, “‘कहे तोसे सजना’ से लेकर उनके प्रतिष्ठित छठ पूजा गीतों तक, उनकी विरासत हमेशा गूंजती रहेगी. ओम शांति. शारदा सिन्हा.
5 नवंबर को मशहूर लोक गायिका का निधन हो गया था. कुछ दिन पहले उन्हें बीमारी के चलते दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. सोमवार को उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.
शारदा सिन्हा ने “उठौ सुरूज भइले बिहान”, “केलवा के पात पर”, “सकल जग तारिणी हे छठी माता” और “गंगा जी के पनिया” जैसे गानों को अपनी आवाज दी है. कहा जाता है कि उनके गीतों के बिना छठ महोत्सव अधूरा है. शारदा सिन्हा ने नौ एल्बमों के लगभग 62 छठ गीतों में अपनी आवाज का जादू चलाया. हाल ही में उनका एक लेटेस्ट गीत सोशल मीडिया पर रिलीज किया गया था. जिसे दर्शकों की ओर से भरपूर प्यार मिल रहा है.
–
डीकेएम/केआर