कनाडा में भारत विरोधी शक्तियों के सक्रिय होने की वजह से कनाडा और भारत के रिश्ते हुए खराब : केसी त्यागी

नई दिल्ली, 5 नवंबर . कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हुए हमले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदा की है. जेडीयू नेता केसी त्यागी ने प्रधानमंत्री के इस कदम की तारीफ की है.

से बात करते हुए त्‍यागी ने कहा, “प्रधानमंत्री का वक्तव्य स्वागत योग्य है. कनाडा में काफी समय से भारत विरोधी शक्तियां सक्रिय हैं, इसका नतीजा यह है कि आज कनाडा और भारत के रिश्ते बहुत खराब स्थिति में पहुंच गए हैं. हाल ही में मंदिर पर हुआ कायराना हमला इसका एक उदाहरण है. भारत सरकार की चिंताओं से सभी अवगत हैं और इसकी निंदा करते हैं. भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की जिम्मेदारी वहां की सरकार की है.

उन्होंने यूपी में उपचुनावों की तारीखें बढ़ाने के मामले पर अखिलेश यादव के तंज पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें अख‍िलेश ने इसे बीजेपी की ट्रिक बताया था. इस पर उन्होंने कहा, “गंगा स्नान, जो कि उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, के कारण कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने तारीखों को बदलने की अपील की थी. यही वजह है कि चुनाव आयोग ने इन तारीखों में बदलाव किया.”

सीजेआई के बयान पर, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर सरकार के खिलाफ फैसले नहीं आते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि अदालत पक्षपाती है, त्‍यागी ने कहा, “भारत की न्यायपालिका संदेह से परे है. उस पर शक की उंगली नहीं उठानी चाहिए. कई फैसले सरकार के पक्ष में होते हैं और कई सरकार के खिलाफ भी जाते हैं. हमें 1975 के 12 जून के फैसले को याद रखना चाहिए, जब जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अयोग्‍य साबित किया था. न्यायपालिका स्वतंत्र है और अपनी भूमिका निभाती है, उसे अपने हिसाब से काम करने दिया जाना चाहिए.”

बता दें कि कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हुए हमले के बाद भारत और कनाडा के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है. कनाडा में मंदिर पर हमले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदा की है. प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं. हमारे (भारत के) राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायरतापूर्ण कोशिशें भी उतनी ही भयावह और खतरनाक हैं. हिंसा कभी भी भारत के संकल्प को कमजोर नहीं करेंगे. हम कनाडा सरकार से न्याय सुनिश्चित करने और कानून के शासन को बनाए रखने की उम्मीद करते हैं.

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