जालंधर, 5 नवंबर . पंजाब में धान की खरीद-फरोख्त मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है. एक ओर आम आदमी पार्टी और भाजपा एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं, तो वहीं दूसरी और कांग्रेस के बाद अब अकाली दल भी किसानों के समर्थन में सड़कों पर उतर आई है. शिरोमणि अकाली दल ने मंगलवार को जालंधर डीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने जालंधर के डीसी हिमांशु अग्रवाल को मांग पत्र सौंपा.
शिरोमणि अकाली दल के नेता कुलवंत सिंह मन्नन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा पंजाब सरकार की मदद नहीं की गई. इस मुद्दे को लेकर केंद्र-राज्य के बीच संघर्ष चल रहा है. एमएसपी को लेकर केंद्र के साथ काफी समय से बात चल रही है, लेकिन अभी तक किसी तरह की कोई मदद नहीं की गई.
उन्होंने पंजाब सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सीएम भगवंत मान को पता था कि आने वाला समय किसानों के लिए संघर्ष से भरा रहेगा. ऐसे में उन्हें पहले से ही पुख्ता इंतजाम करने चाहिए थे. केंद्र सरकार द्वारा 44 हजार करोड़ रुपये पंजाब सरकार को दिए जा चुके हैं, ऐसे में अब दोनों सरकारों द्वारा एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं.
शिरोमणि अकाली दल के नेता ने आगे कहा, “पीएम मोदी की सरकार बदले की राजनीति पर उतर आई है. लेकिन अकाली दल का किसानों के समर्थन में संघर्ष जारी रहेगा. अगर पंजाब में किसान जिंदा रहेगा, तभी तो हम सब भी जिंदा रह सकते हैं.”
बता दें कि पंजाब में धान खरीद और डीएपी खाद की कमी को लेकर शिरोमणि अकाली दल ने पूरे प्रदेश में विरोध-प्रदर्शन का ऐलान किया है.
शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया था कि वह सरकार के खिलाफ 5 नवंबर को होने वाले प्रदर्शन में हिस्सा लें.
बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा था कि इस प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को नींद से जगाने की कोशिश की जाएगी. पंजाब में धान की खरीद नहीं होने से किसानों के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है. पंजाब में किसान अपना माल बेचने के लिए लगातार 15-20 दिन से मंडियों में बैठे हैं, लेकिन ना तो खरीद हो रही है और ना ही वहां लिफ्टिंग की व्यवस्था सही है.
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