नई दिल्ली, 5 नवंबर . भारत के घरेलू कपड़ा उद्योग में चालू वित्त वर्ष में 6 से 8 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है. इसकी वजह अमेरिका में मजबूत मांग और घरेलू बाजारों का बढ़ना है. यह जानकारी मंगलवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई.
क्रिसिल रेटिंग्स की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले वित्त वर्ष में राजस्व वृद्धि में 9-10 प्रतिशत की इजाफे के बाद घरेलू कपड़ा कंपनियों की क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर रहेगी, जिसे बेहतर नकदी प्राप्ति और मध्यम पूंजीगत व्यय योजनाओं से समर्थन मिलेगा, यह कर्जमुक्त बैलेंस शीट के कारण संभव हो पाया है.
घरेलू कपड़ा उद्योग को 70 से 75 प्रतिशत आय निर्यात से प्राप्त होती है. इसमें अमेरिका की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है. बाकी 25 से 30 से प्रतिशत घरेलू बाजारों से आता है.
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक मोहित मखीजा के अनुसार, इस वित्त वर्ष में घरेलू कपड़ा उद्योग की वृद्धि के तीन प्रमुख कारण हैं. पहला अमेरिका में मजबूत उपभोक्ता खर्च और प्रमुख खुदरा विक्रेताओं के पास सामान्य इन्वेंट्री स्तर से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, हालांकि कंटेनर की उपलब्धता पर नजर रखनी होगी. दूसरा, घरेलू बाजार में इंडस्ट्री लगातार विस्तार कर रही है. इससे वृद्धि दर को सहारा मिल रहा है.
तीसरा, कपास, प्रमुख कच्चे माल की घरेलू कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर के करीब रहने की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप घरेलू कंपनियों का मार्जिन चालू वित्त वर्ष में 14 से 15 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है.
क्रिसिल रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर प्रणव शांडिल के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में स्थिर परिचालन प्रदर्शन और मध्यम पूंजीगत व्यय के साथ घरेलू कपड़ा कंपनियों के लिए इंटरस्ट कवरेज 5-6 गुना पर स्थिर रहना चाहिए.
भारत द्वारा निर्यात किए जाने वाले घरेलू कपड़ों की अमेरिका आयात में हिस्सेदारी इस साल समान रहने की उम्मीद है. जनवरी-अगस्त 2024 में यह 30 प्रतिशत है. साल 2023 में यह समान थी.
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एबीएस/