बिहार : पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट, जलाशय में होगा मछली पालन और ग्रीन एनर्जी का उत्पादन

समस्तीपुर, 5 नवंबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘अक्षय भारत ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट’ के तहत बिहार के समस्तीपुर जिले के 13 जलाशयों का चयन किया गया है, जहां मछली पालन के साथ ही फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा. जिससे ग्रीन एनर्जी का उत्पादन होगा.

इस एनर्जी को बिहार रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट (ब्रेडा) के माध्यम से निकटवर्ती पावर सब स्टेशन तक उपलब्ध कराया जाएगा. जिससे द्वारा इलाके के उपभोक्ताओं को ग्रीन एनर्जी मिल सकेगी. इस योजना से लोगों को दो तरह का फायदा मिलेगा, जिसमें एक जलाशय में पहले की तरह मछली पालक मछलियों का पालन कर सकेंगे. वहीं, ग्रामीणों को ग्रीन बिजली भी मिलेगी, जो वातावरण के लिए नुकसानदायक नहीं होगी.

इस प्रोजेक्ट के संदर्भ में जिला उप विकास आयुक्त(डीडीसी) संदीप शेखर प्रियदर्शी ने से खास बातचीत करते हुए बताया कि पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए जिले के 13 ऐसे जलाशयों का चयन किया गया है, जहां सालों भर पानी भरा रहता है. पूरी योजना पर एक प्रोजेक्ट बनाकर ब्रेडा को भेजा गया है. जिसमें मुख्य रूप से उजियारपुर के भगवानपुर कमला गांव स्थित देवखाल चौक को चुना गया है. यहां 500 मेगावाट बिजली उत्पादन की योजना है. जिससे 10,000 से अधिक घरों को बिजली मुहैया हो पाएगी.

उन्होंने आगे बताया कि इसके अलावा सरायरंजन के रायपुर खेमैठ चौर, लगना खेमैठ चौर, बिथान प्रखंड के बिल्ली चौर, पिपरा सकरोहिया चौर, कुंआं हसनपुर चौर, दलसिंहसराय के मालपुर मटिहानी चौर, चसैहा महनौया चौर, कमरांव ओनिया चौर, खानपुर के गंगौलिया चौर, शिवाजी नगर के श्रीपुर मजरहीना चौर, सिंघिया प्रखंड का चिलवारा चौर व पतैल चौक में फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाने को लेकर सर्वे का कार्य पूरा किया गया है. योजना की स्वीकृति मिलते ही इस पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

यह कैसे काम करेगा, इसके बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पिलर सिस्टम के जरिए जलाशय के बीचो-बीच सोलर प्लेट लगाया जाएगा. जहां खुले में सूर्य की रोशनी मिलने से सोलर सिस्टम चार्ज होगा और इससे ग्रीन एनर्जी का उत्पादन होगा. इस बिजली को ट्रांसफार्मर के जरिए पास के पावर सब स्टेशन को दिया जाएगा. जहां वह अपने उपभोक्ता को वितरित कर सकेंगे.

संदीप शेखर प्रियदर्शी ने बताया कि ऐसे फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट से दो तरह के फायदे होंगे. एक तो जलाशय में करंट की संभावना नहीं रहने के कारण मछुआरे मछली पालन कर सकेंगे. जिससे उनको रोजगार मिलेगा. वहीं सोलर प्लांट की स्थापना से कोयला की खपत कम होगी. जिससे कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में कमी आएगी. जिससे पर्यावरण स्वच्छ होगा.

इस प्रोजेक्ट को लेकर ग्रामीण भी उत्साहित हैं. एक ग्रामीण राजू साहनी ने को बताया कि इस प्रोजेक्ट का यहां होना, इलाके के लिए बहुत खुशी की बात है. यह योजना बहुत पहले होनी चाहिए थी, लेकिन देर आए दुरुस्त आए. पीएम मोदी की नजर इस पर थी. इस बिजली से लगभग 4-5 प्रखंड को सहूलियत मिलेगी.

एक अन्य युवा ग्रामीण सोनू कुमार ने भी इस योजना पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि इससे लोगों को रोशनी और रोजगार दोनों मिलेगा. इस प्रोजेक्ट से इलाके के सभी लोगों को फायदा होगा.

एससीएच/एएस